
बांग्लादेश से रेडीमेड के आयात को सीमित किया गया.
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद युनूस सरकार और भारत के रिश्तों में लगातार कड़वाहट आ रही है. इस कड़वाहट के बीच भारत सरकार ने शनिवार को बांग्लादेश से रेडीमेड गारमेंट्स (RMG) के आयात को केवल दो समुद्री बंदरगाहों (कोलकाता और न्हावा शेवा) तक सीमित कर दिया है. इसके साथ ही, भारत ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 11 भूमि सीमा चौकियों के माध्यम से उपभोक्ता वस्तुओं के आयात पर भी रोक लगा दी है. यह कदम बांग्लादेश द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों की प्रतिक्रिया में उठाया गया है.
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अब बांग्लादेश से RMG आयात केवल उपरोक्त दो बंदरगाहों के माध्यम से ही किया जा सकेगा. यह निर्णय महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत को बांग्लादेश का वार्षिक RMG निर्यात लगभग 700 मिलियन डॉलर का है, जिसमें से 93 फीसदी माल अब तक भूमि मार्ग से आता था.
बांग्लादेश के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने यह कदम बांग्लादेश द्वारा पूर्वोत्तर भारत की सीमा से लगते भूमि बंदरगाहों पर लगाए गए प्रतिबंधों और आयात निरीक्षणों के चलते उठाया है. बांग्लादेश ने 13 अप्रैल से यार्न के आयात पर रोक लगाई है, जबकि 15 अप्रैल से भारतीय चावल के आयात को हिली और बेनापोल एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) पर रोका गया है.
भारत का आरोप है कि बांग्लादेश ने भारतीय वस्तुओं के लिए 1.8 टका प्रति टन प्रति किलोमीटर का अनुचित रूप से ऊंचा ट्रांजिट शुल्क लगाया है, जिससे भारतीय सामान के बांग्लादेशी क्षेत्र से होकर ट्रांस-शिपमेंट में बाधा आ रही है. साथ ही, पूर्वोत्तर राज्यों से बांग्लादेशी बाजारों तक स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं की पहुंच पर भी प्रभाव पड़ा है.
रेडीमेड गारमेंट्स सहित इन उत्पादों के आयात पर लगी रोक
प्रतिबंधों की सूची में रेडीमेड गारमेंट्स के अलावा प्लास्टिक और पीवीसी उत्पाद, लकड़ी का फर्नीचर, फलों के स्वाद वाले और कार्बोनेटेड पेय, बेकरी और कन्फेक्शनरी उत्पाद, और कपास से संबंधित अपशिष्ट वस्तुएं शामिल हैं. ये सभी अब मेघालय, असम, त्रिपुरा, मिजोरम और पश्चिम बंगाल में 11 नामित सीमा चौकियों के माध्यम से भारत में प्रवेश नहीं कर सकेंगी. भारत ने स्पष्ट किया है कि ये प्रतिबंध भूटान और नेपाल को भेजे जाने वाले बांग्लादेशी माल पर लागू नहीं होंगे.
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि यह कदम पूर्वोत्तर राज्यों में स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. “भारत ने हमेशा पारस्परिकता और निष्पक्षता के आधार पर व्यापार किया है, लेकिन बांग्लादेश ने हमारी सद्भावना का प्रतिदान नहीं किया.”
यूनुस सरकार में भारत के साथ रिश्ते हुए खराब
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और बांग्लादेश के बीच कुल व्यापार 12.9 अरब डॉलर का रहा, जिसमें भारत से बांग्लादेश को 11.06 अरब डॉलर का निर्यात और बांग्लादेश से 1.8 अरब डॉलर का आयात हुआ.
द्विपक्षीय संबंधों में यह तनाव ऐसे समय पर सामने आया है जब बांग्लादेश में हाल ही में राजनीतिक बदलाव हुए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद छोड़ने और नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास देखी गई है.
भारत ने हाल के महीनों में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों और कट्टरपंथ में वृद्धि पर चिंता जताई है. यूनुस की वह टिप्पणी, जिसमें उन्होंने चीन से निवेश आमंत्रित करते हुए भारत के पूर्वोत्तर की भू-राजनीतिक स्थिति का उल्लेख किया था, को भी भारत ने असंवेदनशील माना है.
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