
एअर इंडिया
एअर इंडिया की सेवाओं को लेकर यात्रियों की असंतोषजनक प्रतिक्रिया सामने आई है. एक हालिया सर्वेक्षण में 79 फीसदी यात्रियों ने बीते 12 महीनों में एयरलाइन की गुणवत्ता और विमान रखरखाव से जुड़ी समस्याएं झेली हैं, जो कि 2024 में दर्ज 55 फीसदी शिकायतों की तुलना में एक बड़ा इजाफा है. यात्रियों द्वारा उठाई गई समस्याएं केवल रखरखाव तक सीमित नहीं हैं. रिपोर्ट के अनुसार, ग्राहक सेवा, बैगेज हैंडलिंग (सामान प्रबंधन) और इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट सिस्टम की अनुपलब्धता को लेकर भी शिकायतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
यात्रियों का मानना है कि टाटा समूह के अधिग्रहण के बाद एअर इंडिया पर यात्रियों की अपेक्षाएं और भी बढ़ गई हैं, लेकिन बढ़ती शिकायतें एयरलाइन के लिए एक गंभीर चेतावनी का संकेत हैं. अब देखना होगा कि कंपनी इन समस्याओं को दूर करने के लिए क्या कदम उठाती है. अहमदाबाद एअर इंडिया प्लेन हादसे के बाद से यात्रियों में उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. सोशल मीडिया से लेकर हर जगह यात्री लगातार विमान कंपनियों द्वारा की जा रही लापरवाही को उजागर कर रहे हैं. यात्रियों की परेशानी को देखते हुए नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) भी फुल एक्शन मोड में आ गया है.
एअर इंडिया को शो कॉज नोटिस
DGCA ने एअर इंडिया को दो गंभीर ऑपरेशनल लापरवाहियों के लिए कड़ी फटकार लगाई है. DGCA ने हाल ही में एक स्पॉट चेक के बाद एअर इंडिया को शो कॉज नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि एअर इंडिया ने मई के महीने में 15 और 17 तारीख को बेंगलुरु से लंदन के लिए दो उड़ानें संचालित कीं, जो कि नियमानुसार निर्धारित 10 घंटे के उड़ान समय सीमा से अधिक थीं. यह नियम अप्रैल 2019 में लागू किया गया था.DGCA ने एअर इंडिया से इस उल्लंघन की वजह स्पष्ट करने और भविष्य में ऐसे ऑपरेशनल नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है.
एक अन्य मामले में DGCA ने एअर इंडिया की कई गंभीर नियम उल्लंघनों को लेकर सख्त कदम उठाया है. DGCA ने एअर इंडिया को निर्देश दिया है कि वह उन अधिकारियों को हटा दे जो बार-बार और गंभीर उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार हैं. ये उल्लंघन एयरलाइन द्वारा स्वयं खुलासा किए गए थे और जिनमें उड़ान चालक दल (फ्लाइट क्रू) के लाइसेंस, विश्राम और हालिया उड़ान आवश्यकताओं में कमी के बावजूद उन्हें उड़ान संचालन के लिए शेड्यूल किया गया था.
दोषी अधिकारियों को गैर-ऑपरेशनल भूमिकाओं में भेजने का निर्देश
DGCA ने इन सिस्टमेटिक फेल्योर यानी क्रू के शेड्यूलिंग, अनुपालन निगरानी और आंतरिक जवाबदेही में विफलताओं पर कड़ा विरोध जताया है. नियामक ने आदेश दिया है कि दोषी एअर इंडिया अधिकारी तब तक गैर-ऑपरेशनल भूमिकाओं में स्थानांतरित किए जाएं जब तक सुधार के लिए उपाय पूरी तरह से अमल में नहीं आ जाते हैं. यह कार्रवाई एअर इंडिया की सुरक्षा प्रक्रियाओं में सुधार और नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए की गई है.
कुछ क्षेत्रों में दिखा सुधार
हालांकि एअर इंडिया को लेकर कई शिकायतें सामने आई हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में एयरलाइन ने सुधार भी दिखाया है. सर्वे में 48 फीसदी यात्रियों ने समय पालन को समस्या बताया है, जो 2024 में 69 फीसदी था. इसी तरह, स्टाफ के व्यवहार को लेकर शिकायतें भी कम हुई हैं. 2024 में जहां 38 फीसदी यात्रियों ने स्टाफ के रवैये पर आपत्ति जताई थी, वहीं इस साल यह आंकड़ा घटकर 31 फीसदी रह गया है.
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