शब्बीर अहमद, भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने सुरक्षा व्यवस्था में कार्यरत 200 पूर्व सैनिकों को नौकरी से हटा दिया गया है। जिससे वे बेरोजगार हो गए हैं। इस फैसले से आर्थिक रूप से प्रभावित पूर्व सैनिकों में नाराजगी है। नौकरी से हटाए गए पूर्व सैनिकों ने इंडियन वेटरन ऑर्गेनाइजेशन के सहयोग से केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को पत्र लिखकर अपनी बहाली की मांग की है।
पत्र के माध्यम से बताई पीड़ा
पूर्व सैनिकों ने पत्र के माध्यम से कहा कि इंडियन वेटरेनस ऑर्गेनाइजेशन भारत के पूर्व सैनिकों का बहुत बड़ा ऑर्गनाइजेशन है। यह हमेशा प्रशासन की मदद करता रहता है। भोपाल में करीब 200 पूर्व सैनिक एम्स में सेवारत थे, उन्हें अचानक नौकरी से हत्या दिया गया है। यह पूर्व सैनिकों के साथ घोर अन्याय है। पूर्व सैनिक हमेशा कोई भी सरकारी संपत्ति की बहुत ईमानदारी से देखभाल करता है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि निदेशक एम्स भोपाल को तुरंत निर्देशित कर उनकी बहाली की जाए।
एम्स प्रबंधन ने दी सफाई
इस मामले पर एम्स प्रबंधन ने सफाई देते हुए कहा कि पूर्व सैनिकों का कॉन्ट्रैक्ट पीरियड समाप्त हो गया था, जिसके चलते उन्हें हटा दिया गया है। संस्थान के अधिकारियों के अनुसार, यह एक नियमित प्रक्रिया है जिसमें कान्ट्रैक्ट पूरा होने के बाद नई एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी जाती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया कि नई एजेंसी ने पूर्व सैनिकों को दोबारा नियुक्त करने पर विचार क्यों नहीं किया।
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