आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर अब साइबर जालसाजी हो रही है. एआई से दोस्त, रिश्तेदार की आवाज बदलकर साइबर जालसाज फोन कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. अगर आपके पास भी कोई सगा संबंधी बनकर फोन कर मदद के नाम पर पैसे मांगे तो सावधान हो जाएं.
कुछ समय पहले हरियाणा के एक व्यक्ति को इसी तरीके से 30,000 रुपये का चूना लगा है. दरअसल, फ्रॉड करने वाले शख्श ने AI वॉइस क्लोन टूल का उपयोग किया और व्यक्ति का दोस्त बताकर पैसे ठग लिए. आज इस लेख में हम आपको ये बताएंगे कि आप कैसे इस तरह के फ्रॉड से बच सकते हैं.
हाल ही में McAfee की एक रिपोर्ट सामने आए थी जिसमें ये बताया गया था कि लगभग 83 प्रतिशत भारतीयों ने ऐसे घोटालों में अपना पैसा खो दिया है और 69 प्रतिशत भारतीय, इंसान और AI-जनित आवाज़ों के बीच अंतर करने में असमर्थ हैं. यानि लोगों को यही नहीं समझ आ रहा है कि आवाज असली है या नकली.
साइबर क्राइम के एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह का कहना है कि एआई की मदद से साइबर ठगी के कई मामलों की जांच हो रही है. हाल के महीने में दर्जनों ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें एआई के इस्तेमाल होने की आशंका है. साइबर क्राइम की टीम सभी पहलुओं पर जांच कर रही है.
यूपी साइबर क्राइम के एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से किसी की भी आवाज की नकल करने के लिए सिर्फ तीन से पांच सेकंड का वीडियो चाहिए. साइबर क्रिमिनल फेसबुक, इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर सर्च कर किसी भी आवाज का सैंपल ले लेते हैं. इसके बाद वायस क्लोन कर उनके परिचित, रिश्तेदारों को फोन किया जाता है. आवाज की क्लोनिंग ऐसी होती है कि पति-पत्नी, पिता पुत्र तक आवाज नहीं पहचान पा रहे हैं.
अननोन नंबर से आ रही कॉल्स को न उठाएं. यदि आप कॉल उठाते भी हैं तो पहले सामने वाले की आइडेंटिटी कन्फर्म करें. बिना आइडेंटिटी कन्फर्म किए कुछ भी डिटेल्स या पैसे सामने वाले व्यक्ति न दें फिर चाहे सामने वाला व्यक्ति खुद को आपका सगा या कुछ और बता रहा हो. पहचान करने का सबसे सही तरीका ये है कि आप उससे कोई ऐसी बात पूछे जो आप और दूसरा शख्स जानता है. यदि व्यक्ति सच्चा होगा तो उसके पास सवाल का जवाब होगा.
कॉलर की आवाज को ध्यानपूर्वक सुने. कॉलर किस तरह पॉज ले रहा है, आवाज कैसे आ रही है, शब्दों का उच्चारण कैसा है आदि तमाम चीजों पर फोकस करें. ये भी गौर करें कि आवाज में इमोशनल फील है या नहीं.
यदि कोई आपसे कॉल पर पैसे मांगता है तो तुरंत सावधान हो जाएं और कॉल को काट दें. अगर कॉलर जानने वाला मालूम होता है तो उससे पहले सभी जानकारी लें, फिर कोई एक्शन लें. बिना जाने समझे ऐसे ही कुछ भी एक्शन न लें.
ठगी से बचाव के लिए करें ये उपाय
अलग-अलग अकाउंट का अलग-अलग पासवर्ड रखें, एक-जैसे पासवर्ड बनाने से बचें. यदि दोस्त या सगे-संबंधी की आवाज में पैसे के लिए फोन आए तो एक बार खुद फोन करके कंफर्म कर लें. साइबर फ्रॉड के शिकार होने पर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें.
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