आतिशी और एलजी वीके सक्सेना.
South Delhi: साउथ दिल्ली के छतरपुर इलाके के सतबारी गांव में सड़क बनाने के लिए काटे जा रहे 1100 पेड़ों के मामले को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री और एलजी के बीच खींचतान शुरू हो गई है. मंगलवार को दिल्ली सरकार के मंत्रियों की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने मौके का निरीक्षण किया. कमेटी 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
मौके का निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यहां पहले पूरा जंगल हुआ करता था. अगर यहां सड़क चौड़ी करनी होती तो फार्महाउस को तोड़ दिया जाता. उन्होंने कहा कि इसके लिए अमीरों के फार्महाउस अधिग्रहित किए जा सकते थे, लेकिन यहां 1100 पेड़ काटकर हटा दिए गए. दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर आरोप लगाया है.
दिल्लीवासियों के हित के बारे में कौन सोचेगा- आतिशी
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था, इसके बावजूद पेड़ काटे गए. उन्होंने कहा कि फार्महाउस और उनके मालिकों को करोड़ों रुपये का फायदा पहुंचाया गया. जिसके चलते उनके फार्म हाउस की कीमत दोगुनी से भी ज्यादा हो गई.
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उन्होंने कहा कि नरेला और नजफगढ़ में काफी जमीन है, वहां सड़कें बनाई जा सकती थीं . वहीं, शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि अगर दिल्ली के संवेदनशील इको सिस्टम में पेड़ काटे जाएंगे तो दिल्ली वालों के हित के बारे में कौन सोचेगा. जिसने भी अनुमति दी है, उसने अवैध तरीके से काम किया है, कार्रवाई होनी चाहिए.
रिज इलाके में 1100 पेड़ काटे गए
आपको बता दें कि साउथ दिल्ली के सतबारी गांव में सेंट्रल आर्म्ड फोर्स हॉस्पिटल और सीबीआई के अफसरों के लिए आवास बनाए गए हैं. यहां तक पहुंचने और अप्रोच रोड बनाने के लिए सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है. आरोप है कि रिज इलाके में 1100 पेड़ काटे गए हैं. इसके खिलाफ एक एनजीओ कोर्ट गया था और यह मामला उजागर हुआ.
दिल्ली सरकार का LG पर आरोप
दिल्ली सरकार का आरोप है कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के कहने पर पेड़ काटे गए. यह जमीन डीडीए के अधीन आती है और डीडीए एलजी के अधीन है. दिल्ली सरकार के मंत्रियों का आरोप है कि एलजी खुद कई बार निरीक्षण के लिए यहां आ चुके हैं. पहले सतबाड़ी में 1100 पेड़ काटे गए और फिर पेड़ों को काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी गई. यह कोर्ट के आदेश की अवमानना का मामला है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और डीडीए से रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई. कमेटी में दिल्ली सरकार के तीन मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी सिंह और इमरान हुसैन शामिल हैं. कमेटी को 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले अपनी रिपोर्ट देनी है.
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