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रूल्स फॉलो ना करने वालों का प्लॉट होगा कैंसल, एक्शन मोड में आई नोएडा अथॉरिटी

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Jan 6, 2025    150837 views     Online Now 146

नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बिल्डर्स को बड़ी चेतावनी देते हुए एक्शन मोड में आ गई है. अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही उन भूखंडों के आवंटन को कैंसल किया जाएगा, जिनके मालिक तय समय सीमा में कंप्लीशन सर्टिफिकेट हासिल करने में फेल हो गए हैं. उन्होंने बताया कि नोएडा अथॉरिटी के बोर्ड ने इन भूखंडों के आवंटन को कैंसल करने से पहले अंतिम चेतावनी नोटिस की अनुमति दी है. जो तय नियमों का पालन करने में विफल रहे हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने इस बारे में क्या कहा है?

नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) लोकेश एम ने कहा कि प्राधिकरण बोर्ड ने इन प्लॉट मालिकों को आखिरी मौका दिया है, ऐसा न करने पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि नियमों के अनुसार, प्लॉट मालिकों को इमारतें बनानी होती हैं और फिर तय समय सीमा के भीतर पूरा होने का प्रमाण पत्र प्राप्त करना होता है, ऐसा न करने पर प्राधिकरण आवंटन कैंसल कर सकता है.

इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण ने इंडस्ट्रीयल और इंस्टीट्यूशनल दोनों कैटेगरीज के तहत आवंटित इंडस्ट्रीयल भूखंडों और आईटी/आईटीईएस भूखंडों के मामलों को सॉल्यूशन के लिए राज्य सरकार को भेजने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि इस का उद्देश्य ऐसे प्लॉट मालिकों को ओवर ड्यू पेमेंट चुकाने या निर्माण को पूरा करने का अंतिम अवसर प्रदान करना है.

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प्राधिकरण के बोर्ड ने हाल ही में नोटिफिकेशन के तहत शामिल औद्योगिक और संस्थागत भूखंडों के अपडेटिड स्टेटस का रिव्यू किया था. औद्योगिक क्षेत्र में, 206 भूखंडों को 31 दिसंबर, 2024 तक पूरा होने और कार्यक्षमता की घोषणा की आवश्यकता थी. हालांकि, 80 भूखंड अभी भी नॉन-फंक्शनल हैं, जिनमें 30 ओवर ड्यू पेमेंट वाले भी शामिल हैं. इंस्टीट्यूशनल कैटेगिरी के तहत आईटी/आईटीईएस सेक्टर में 107 भूखंडों की समीक्षा की गई. इनमें से 16 ने कार्यक्षमता प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है, जबकि 91 नॉन-फंक्शनल बने हुए हैं.

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इंडस्ट्रीयल सेक्टर के भूखंड

206 भूखंडों में से 114 भूखंडों को फंक्शनल घोषित किया गया था, और चार को देनदारियों या अन्य मुद्दों के कारण कैंसल कर दिया गया था, और आठ मुकदमेबाजी में उलझे हुए हैं. हालांकि, 80 प्लॉट अभी भी नॉन—फंक्शनल हैं, जिनमें 30 ओवर ड्यू पेमेंट वाले भी शामिल हैं. इनमें से 21 आवंटियों के साथ चर्चा से पता चला कि वित्तीय बाधाएं एक प्रमुख मुद्दा थीं. कई लोगों ने किस्त-बेस्ड इंस्टॉलमेंट प्लान का रिक्वेस्ट भी डाला है. नॉन-फंक्शनल भूखंडों में से, 82 का निर्माण पूरा हो चुका है, तीन निर्माणाधीन हैं, और तीन चल रही मुकदमेबाजी के कारण खाली हैं.

साथ ही, इंडस्ट्रीयल कैटेगिरी के 23 भूखंडों के फंक्शनल ना होने के कारण उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम की धारा 41(3) के तहत कैंसल कर दिया गया था. इनमें से 12 मामले अदालत के आदेशों के माध्यम से हल किए गए, जबकि 11 लंबित हैं, जिनमें से आठ में कोई आवेदन दायर नहीं किया गया.

आईटी/आईटीईएस सेक्टर के प्लॉट

इंस्टीट्यूशनल कैटेगिरी के तहत इस सेक्टर में समीक्षा किए गए 107 भूखंडों में से 16 ने फंक्शनल सर्टिफिकेट प्राप्त कर लिया है, जबकि 91 नॉन-फंक्शनल बने हुए हैं. इनमें से 29 भूखंडों को शुरू में निर्माण न होने के कारण कैंसल कर दिया गया था, लेकिन बाद में संशोधन आवेदनों के बाद राज्य सरकार ने 18 भूखंडों को बहाल कर दिया था. 11 भूखंडों के लिए, कोई बहाली आवेदन दायर नहीं किया गया है, जिससे उनकी स्थिति अनसुलझी है.

इसके अलावा, 78 भूखंडों पर उनके परमिशेबल फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) का 50 फीसदी से अधिक निर्माण हो चुका है, लेकिन वे अभी तक फंक्शनल नहीं हैं. इनमें से 38 को दिसंबर 2024 तक विस्तार दिया गया, जबकि 24 को न तो विस्तार मिला और न ही फंक्शनल ही हो सके हैं.

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राज्य सरकार से मांग मांगा मार्गदर्शन

इस बीच, नोएडा प्राधिकरण ने इन इश्यू को व्यापक रूप से देखने की आवश्यकता पर जोर दिया है और ओवरड्यू पेमेंट और फंक्शनल रूल्स से संबंधित चुनौतियों के समाधान पर राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा है. प्राधिकरण विशेष रूप से वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे आवंटियों के लिए किस्त योजना जैसे पेमेंट ऑप्शंस को सुविधाजनक बनाने और 31 दिसंबर, 2024 की विस्तारित समय सीमा का पालन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. नोएडा में औद्योगिक और संस्थागत भूखंडों में कार्यक्षमता प्राप्त करने के लिए इन मामलों को हल करना आवश्यक माना जाता है.

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