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शिक्षा, स्वास्थ्य, इकॉनोमी… पतंजलि संस्थान के 30 साल पूरे होने पर स्वामी रामदेव ने किए 5 बड़े ऐलान

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Jan 5, 2025    150817 views     Online Now 260
शिक्षा, स्वास्थ्य, इकॉनोमी... पतंजलि संस्थान के 30 साल पूरे होने पर स्वामी रामदेव ने किए 5 बड़े ऐलान

योगगुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण

पतंजलि संस्थान का 30वां स्थापना दिवस पतंजलि वैलनेस हरिद्वार स्थित योगभवन सभागार में मनाया गया. पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष योगगुरु स्वामी रामदेव और महामंत्री आचार्य बालकृष्ण की उपस्थिति में समारोह का समापन किया गया. कार्यक्रम में देशभर के पतंजलि योगपीठ संगठन के 6000 से अधिक प्रभारीगणों ने शिरकत की. योगगुरु स्वामी रामदेव ने इस दौरान अपने पिछले 30 सालों की सेवा, संघर्ष और साधना के बारे में विस्तार से बताया. साथ ही पतंजलि योगपीठ की भावी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला.

स्वामी रामदेव ने योग क्रांति की सफलता के बाद पञ्च क्रांतियों का शंखनाद किया. उन्होंने कहा कि शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, वैचारिक सांस्कृतिक और रोगों भोगों-ग्लानि-कुण्ठाओं से आजादी का बड़ा कार्य पतंजलि से प्रारंभ करना है.

पहली क्रांति: शिक्षा की आजादी.

स्वामी रामदेव ने कहा कि आज 50 से 90 और कहीं-कहीं तो 99 फीसदी पढ़े-लिखे बेरोजगार, नशेड़ी, चरित्रहीन निस्तेज बच्चे हैं जिनका बचपन, यौवन और भविष्य खतरे में है. इसलिए पहले देश में और फिर पूरी दुनिया में नई शिक्षा व्यवस्था का शंखनाद करेंगे. उसका नेतृत्व भारत करेगा. पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड अब नये प्रतिमान गढ़ेंगे. आगामी 5 साल में 5 लाख विद्यालयों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोड़ा जाएगा.

उन्होंने कहा कि हमें बच्चों को केवल शब्दबोध नहीं कराना है, शब्दबोध के साथ विषयबोध, आत्मबोध, सत्यपरक भारतबोध व अपने गौरव का बोध कराना है. मैकाले का एजुकेशन सिस्टम नहीं होगा. यही शिक्षा की आजादी का संकल्प है. हम भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से विदेशी आक्रमणकारियों, अकबर, औरंगजेब या अंग्रेजों की झूठी महानता नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप व क्रांतिकारियों का सच्चा इतिहास पढ़ाएंगे.

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Completion Of Thirty Years Of Patanjali

दूसरी क्रांति: चिकित्सा की आजादी

स्वामी रामदेव ने कहा कि रोग हमारा स्वभाव नहीं योग ही हमारा स्वभाव है. आज पूरी दुनिया में सिंथेटिक दवा, अलग-अलग प्रकार स्टेरॉयड, पेन किलर इत्यादि खा-खाकर लोगों के शरीर खराब हो रहे हैं. हमने 5000 से अधिक रिसर्च प्रोटोकॉल्स और 500 से अधिक रिसर्च पेपर्स वर्ल्ड क्लास इंटरनेशनल जर्नल्स में पब्लिश करके असाध्य रोगों से मुक्ति का मार्ग दुनिया के सामने रखा है. हम लोगों को रोगी होने से बचाएंगे और रोग होने के बाद आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को मुक्ति दिलाएंगे.

तीसरी क्रांति: आर्थिक आजादी

स्वामी रामदेव ने कहा कि आज पूरी दुनिया में मुट्ठी भर लोगों ने अपने क्रूर पंजों में पूरे अर्थतंत्र को जकड़ रखा है. अभी तक पतंजलि ने शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुसंधान, चरित्र निर्माण, राष्ट्र निर्माण आदि में लाख करोड़ रुपए की चैरिटी की है. 10 हजार से अधिक सेंटर्स के साथ 25 लाख से अधिक प्रशिक्षित योग शिक्षकों तथा करोड़ कार्यकर्ताओं की निस्वार्थ सेवा से यह सब राष्ट्र निर्माण व चरित्र निर्माण का सेवा कार्य हो रहा है. हमारा संकल्प है कि स्वदेशी का आंदोलन इतना बड़ा खड़ा हो कि आर्थिक लूट, गुलामी और दरिद्रता से भारत निकले तभी भारत परम वैभवशाली बनेगा.

चौथी क्रांति : वैचारिक और सांस्कृतिक आजादी

स्वामी रामदेव ने कहा कि जिस भारत ने पूरी दुनिया को सबसे पहले संस्कृत का संदेश दिया वो भारत यदि वैचारिक और सांस्कृतिक गुलामी से गुजरे तो ठीक नहीं. हमें वैचारिक और सांस्कृतिक गुलामी से भारत को मुक्ति दिलानी है. इसलिए हम कहते हैं कि हमें इस सनातन धर्म को, वेदधर्म को, ऋषिधर्म को, योगधर्म को युगधर्म के रूप में बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि रिलिजियस टैरेरिजम, पॉलिटिकल टैरेरिजम और ये शिक्षा व चिकित्सा के नाम पर चल रहा आतंकवाद खत्म होगा.

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पांचवीं क्रांति: नशा,रोग-भोग वासनाओं से आजादी

स्वामी रामदेव ने कहा कि दुनिया में चारों तरफ नशे का खतरनाक खेल चल रहा है. रोग, नशा, अश्लीलता से आजादी का हमारा संकल्प है. पतंजलि के 30 वर्ष पूर्ण होने पर यही हमारा संकल्प है कि हम पूरे विश्व को योगमय बनायेंगे, चरित्र निर्माण करके आदर्श विश्व नागरिकों का निर्माण करेंगे.

आचार्य बालकृष्ण ने क्या क्या कहा?

इस कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि में लोगों को स्वास्थ्य देने के लिए अर्थ से परमार्थ का अभियान चलाया है. पतंजलि का 100 प्रतिशत प्राफिट केवल चैरिटी के लिए है. पतंजलि के लिए भारत एक बाजार नहीं बल्कि परिवार है. पतंजलि में 500 से अधिक विश्वस्तरीय वैज्ञानिकों की टीम लगातार रिसर्च करके रोगानुसार विविध प्रकार के रस, क्वाथ, वटियां, कैप्सूल, व्हीट ग्रास, एलोवेरा जूस, आंवला जूस, नीम रस, गिलोय रस आदि रिसर्च एवं एविडेंस बेस्ड दवाइयां पूरी दुनिया को उपलब्ध करा रहे हैं.

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