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इस राज्य में थी मुशर्रफ के परिवार की 13 बीघा जमीन… तीन गुणा से ज्यादा लगी बोली, कौन है नया मालिक?

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Sep 6, 2024    150845 views     Online Now 366
इस राज्य में थी मुशर्रफ के परिवार की 13 बीघा जमीन... तीन गुणा से ज्यादा लगी बोली, कौन है नया मालिक?

परवेज मुशर्रफ. (फाइल फोटो)

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के परिवार की जमीन की ऑनलाइन नीलामी की गई. 13 बीघा यह जमीन शत्रु संपत्ति घोषित थी. जब इसे नीलाम किया गया तो इसकी बोली आधार मूल्य से तीन गुणा ज्यादा लगी. इसे तीन लोगों ने खरीदा है. जिस गांव में ये जमीन है वहां परवेज मुशर्रफ के माता-पिता रहते थे. इस गांव में परवेज मुशर्रफ कभी आए नहीं थे.

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था. बंटवारे के बाद वह पाकिस्तान चले गए थे. जिस 13 बीघा जमीन को ऑनलाइन नीलाम किया गया है, उसका आधार मूल्य 39 लाख 6 हजार रुपये रखा गया था. तीन लोगों ने इस जमीन की अंतिम बोली तीन गुणा से ज्यादा यानि एक करोड़ 38 लाख 16 हजार रुपये लगाई गई.

यहां है मुशर्रफ की परिजनों की संपत्ति

नीलाम हुई जमीन उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में है. 13 बीघा जमीन जिले के गांव कोताना में थी. इसे वर्ष 2010 में शत्रु सम्पत्ति के रूप में घोषित किया गया था. शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय लखनऊ की ओर से बांगर में स्थित भूमि को ऑनलाइन नीलाम किया गया, जिसका आधार मूल्य 39 लाख 6 हज़ार रुपये रखा गया था, जिसको एक करोड़ 38 लाख 16 हजार में नीलाम किया गया है.

बागपत के बड़ौत तहसील से लगभग 8 किलोमीटर दूर कोताना गांव है, जिसकी आबादी 15 हजार के आसपास है. इस गांव में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के माता-पिता रहा करते थे. लेकिन, आजादी से पहले उनकी माता जरीन बेगम और पिता मुशर्रफुद्दीन सन 1943 में यहां से आकर दिल्ली रहने लगे. वह दिल्ली के दरियागंज की नेहर वाली हवेली, गोलचा सिनेमा के पास रहने लगे थे. जहां परवेज मुशर्रफ का जन्म हुआ था. हालांकि, मुशर्रफ कोताना गांव में कभी नही आये और बटवारें के दौरान उनका परिवार भारत छोड़कर पाकिस्तान में जाकर बस गया था.

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मुशर्रफ के चाचा हुमायूं जोकि कोताना में रहे थे. उन्होंने बाद में अपनी जमीन स्थानीय लोगो को बेचकर देश छोड़ दिया था. कोताना गांव में स्थित नीलाम हुई शत्रु सम्पत्ति नुरू के नाम से राजस्व अभिलेखों में दर्ज है. देश के बटवारें के 18 वर्ष बाद नुरू सन 1965 में पाकिस्तान चले गए थे. नुरू को परवेज मुशर्रफ का परिजन माना जा रहा है. नुरू के नाम से दर्ज 13 बीघा भूमि 2010 में शत्रु सम्पत्ति के रूप में घोषित कर दी गयी थी.

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