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डॉक्टर रेप केस: महिलाओं के लिए अलग रेस्ट रूम, फ्रिस्किंग यूनिट और बायोमेट्रिक सिस्टम… NTF को अब तक मिली ये सिफारिशें

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Sep 5, 2024    150838 views     Online Now 232
डॉक्टर रेप केस: महिलाओं के लिए अलग रेस्ट रूम, फ्रिस्किंग यूनिट और बायोमेट्रिक सिस्टम... NTF को अब तक मिली ये सिफारिशें

डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एनटीएफ को मिली सिफारिशें

National Task Force: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया था. देशभर के अस्पतालों में मौजूद डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एनटीएफ को कई सिफारिशें मिलनी शुरू हो गई हैं. इसके लिए एनटीएफ के कई उप-समूह चिकित्सकों की सुरक्षा, काम करने की स्थिति और कल्याण से संबंधित चिंता के मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रभावी सिफारिशें तैयार कर रहे हैं.

अस्पताल के भीतर की स्थितियों और स्थानों का आकलन किया जा रहा है, जहां अस्थिरता और हिंसा की संभावना के आधार पर विभागों और स्थानों को अलग किया जा रहा है. इमरजेंसी रूम और आईसीयू जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ये क्षेत्र हिंसा के लिहाज से सबसे अधिक संवेदनशील हैं और जहां किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता होती है.

फ्रिसक्गिं यूनिट लगाने की सिफारिश

चिकित्सा प्रतिष्ठानों में उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनटीएफ कई उपायों पर विचार कर रहा है. अस्पताल के हर प्रवेश द्वार पर सामान और व्यक्ति की जांच की व्यवस्था स्थापित की जाएगी. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चिकित्सा प्रतिष्ठान के अंदर हथियार नहीं ले जाया जा सके. इसके लिए तलाशी इकाई (फ्रिसक्गिं यूनिट) लगाने की सिफारिश की गई है.

साथ ही, किसी भी परिस्थिति में नशे में धुत्त व्यक्तियों को अस्पताल परिसर में प्रवेश करने से रोकने के लिए उपाय करने की सिफारिश की गई है. इसमें एक अपवाद यह रखा गया है कि यदि कोई नशे में धुत्त व्यक्ति रोगी है, तो उसे अस्पताल में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए. वहीं, अस्पताल में भीड़ प्रबंधन के संबंध में सुरक्षा कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.

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महिलाओं के लिए अलग रेस्ट रूम

प्रत्येक विभाग में (क) पुरुष चिकित्सक, (ख) महिला चिकित्सक, (ग) पुरुष नर्स, (घ) महिला नर्स, तथा (ङ) सामान्य विश्राम स्थल के लिए अलग विश्राम कक्ष तथा ड्यूटी कक्ष का प्रावधान किया जाना चाहिए. इसके लिए कमरा हवादार होना चाहिए, पर्याप्त बिस्तर स्थान तथा पेयजल सुविधा होनी चाहिए. सुरक्षा उपकरणों की स्थापना के माध्यम से इन कमरों तक पहुंच को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.

अस्पताल में बायोमेट्रिक प्रणाली स्थापित

अस्पताल में प्रत्येक स्थान तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उचित बायोमेट्रिक प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए. अस्पताल में चेहरे की पहचान के उपयोग सहित महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्रों तक पहुंच को विनियमित करने के लिए उचित तकनीकी हस्तक्षेप को आवश्यक बताया गया है. अस्पताल में सभी स्थानों पर पर्याप्त रोशनी सुनिश्चित की जानी चाहिए और यदि अस्पताल किसी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध है, तो परिसर में सभी स्थानों पर. अस्पतालों के सभी प्रवेश और निकास द्वारों पर और सभी रोगी कक्षों तक जाने वाले गलियारों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए.

हॉस्टल से अस्पताल के लिए वाहन की व्यवस्था

एनटीएफ की सिफारिशों में से एक यह है कि यदि चिकित्सा पेशेवरों के छात्रावास या कमरे अस्पताल से दूर हैं, तो रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच अपने ठहरने के स्थान से अस्पताल आने या जाने के इच्छुक लोगों के लिए परिवहन की व्यवस्था की जानी चाहिए. साथ ही, डॉक्टरों, नर्सों और सहायकों सहित चिकित्सा प्रतिष्ठानों के सभी कर्मचारियों के लिए दुख और संकट से निपटने पर कार्यशालाओं का आयोजन भी सिफारिशों में शामिल किया गया है.

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कर्मचारी सुरक्षा समितियों का गठन

प्रत्येक चिकित्सा प्रतिष्ठान में डॉक्टरों, प्रशिक्षुओं, रेजीडेंटों और नर्सों को संस्थागत सुरक्षा उपायों पर तिमाही ऑडिट करने के लिए कहा गया है. इसके लिए कर्मचारी सुरक्षा समितियों का गठन करने की भी सलाह दी गई है. साथ ही चिकित्सा सुविधाओं में आने वाले मरीजों की संख्या, बेड और सुविधाओं की संख्या के अनुसार पुलिस चौकियां स्थापित करने की सिफारिश की गई है.

चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ यौन हिंसा की रोकथाम

कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 अस्पतालों और नर्सिंग होम पर लागू होता है. अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम में एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना चाहिए. कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 की धारा 19 के तहत सूचीबद्ध कर्तव्यों का निर्वहन किया जाना चाहिए. साथ ही, हर संस्थान के लिए चिकित्सा पेशेवरों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर सुनिश्चित करना, जो 24 x 7 खुला हो हों.

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