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Chhari Mubarak Yatra: कल पूरी होगी अमरनाथ की छड़ी मुबारक यात्रा, जानें क्या है महत्व? | amarnath yatra 2024 ends 52 days long amarnath yatra ends with chhari mubarak and know ritualsand significance

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Aug 18, 2024    150861 views     Online Now 170
Chhari Mubarak Yatra: कल पूरी होगी अमरनाथ की छड़ी मुबारक यात्रा, जानें क्या है महत्व?

कल पूरी होगी अमरनाथ की छड़ी मुबारक यात्रा, जानें क्या है महत्व?

Amarnath Yatra 2024: हिंदू धर्म में अमरनाथ गुफा से छड़ी मुबारक की यात्रा पूरी होने वाली है. यह यात्रा सावन की पूर्णिमा तिथि को समाप्त होगी. इस दिन छड़ी मुबारक की परंपरा निभाई जाती है, उसके बाद अमरनाथ यात्रा को समाप्त कर दिया जाता है. श्री अमरनाथ यात्रा गुरुवार पवित्र गुफा में छड़ी मुबारक की पूजा के साथ संपन्न होगी. भगवान शिव की प्रतीक छड़ी मुबारक को श्रीनगर स्थान से पहलगाम और पंचतरिणी तक लाया जाता है.

रक्षाबंधन पर पूरी होगी यात्रा

भगवान शिव की पवित्र गदा, जिसे छड़ी मुबारक के नाम से भी जाना जाता है. इस साल यात्रा की शुरुआत 29 जून से हुई थी. जिसके बाद यात्रा का पारंपरिक ढंग से पूजा अर्चना के साथ अमरनाथ गुफा में ले जाया जाएगा. जिसके साथ ही यात्रा का समापन होगा. अमरनाथ मंदिर पवित्र छड़ी के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरी ने बताया कि एक रात रुकने के बाद छड़ी मुबारक रविवार सुबह श्रावण शुक्ल पक्ष चतुर्दशीके मौके पर शेषनाग शिविर से पंचतरणी शिविर के लिए रवाना हुई. इसके बाद पवित्र छड़ी साधुओं के एक समूह के साथ 14,800 फुट की ऊंचाई पर स्थित महागुन्स टॉप को पार कर गई थी. महागुन्स टॉप स्वामी अमरनाथ जी के पवित्र मंदिर के मार्ग में सबसे ऊंची चोटी है. छड़ी मुबारक को सोमवार सुबह श्रावण पूर्णिमा के मौके पर पवित्र गुफा में ले जाया जाएगा और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पारंपरिक पूजा और अनुष्ठान किए जाएंगे.

क्या है छड़ी मुबारक?

छड़ी मुबारक को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. यह एक धार्मिक परंपरा है. इस चांदी की छड़ी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस छड़ी में भगवान शिव की अलौकिक शक्तियां निहित हैं. कहा जाता हैं कि महर्षि कश्यप ने यह छड़ी भगवान शिव को इस आदेश के साथ सौंपी थी कि इसे प्रति वर्ष अमरनाथ लाया जाए.

अमरनाथ गुफा का महत्व

हिमालय की ऊंची पहाड़ियों पर अमरनाथ गुफा स्थित है. इस गुफा में भगवान शिव के स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन करने के लिए जाते हैं. भगवान शिव का यह बर्फ से बने शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं. बर्फ से बने शिवलिंग की वजह से ही इसे बाबा बर्फानी के नाम से भी जाना जाता है. भगवान शिव की यह गुफ ग्लेशियरों और बर्फीले पहाड़ों से घिरी हुई है. कहा जाता है कि इसी पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर पद की प्राप्ति की कथा सुनाई थी. इसी कथा को सुनकर शुकदेवजी अमर हो गए थे.

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