अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक में भारत को रेसलिंग का पहला मेडल जिताया. ब्रॉन्ज जीतकर उन्होंने 16 साल चली आ रही प्रथा को भी बरकरार रखा. 2008 में सुशील कुमार ने कुश्ती में मेडल जीतने का सिलसिला शुरू किया था. इसके बाद से भारतीय पहलवान हर ओलंपिक में कम से कम एक मेडल हासिल करते आए हैं. 2012 के लंदन ओलंपिक में सुशील कुमार ने सिल्वर और योगेश्वर दत्त ने ब्रॉन्ज जीता था. 2016 में साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज जीता. 2020 में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया और अब अमन सहरावत ने पेरिस में ये कारनामा ब्रॉन्ज के साथ किया है. लेकिन क्या आपको पता है, भारत सरकार ने इसके पीछे कितने पैसे खर्चे हैं. उन्हें इस काबिल बनाने के लिए किस देश में ट्रेनिंग की व्यवस्था की है. आइये हम आपको बताते हैं.
अमन सहरावत पर खर्च हुए 72.41 लाख
पेरिस में शानदार प्रदर्शन से भारतीय फैंस का दिल जीतने वाले अमन केवल 21 साल के हैं. इस उम्र में ही उन्होंने ओलंपिक में बड़े-बड़े दिग्गजों के धूल चटा दिया. हालांकि, इस लायके बनाने के लिए भारत की सरकार ने उन पर 72,41,311 रुपए खर्च किए हैं. सरकार ने पूरी कोशिश की है उन्हें ट्रेनिंग में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आए. इसके लिए अमन को पेरिस ओलंपिक से पहले दो बार रूस भेजा गया. पहली बार में वो 28 दिनों तक वहां रहे और जमकर ट्रेनिंग की. इस दौरान कुल 5,05,176 लाख रुपए खर्च हुए. इस दौरान उन्हें अपने साथ एक फिजियोथेरेपिस्ट ले जाने की भी सुविधा दी गई. वहीं दूसरी बार में वो 30 दिन रहे और 6,70,320 रुपए खर्च हुए.
अमन सहरावत पर खेल को बढ़ावा देने वाले अलग-अलग स्कीम के तहत भी भारत सरकार ने मदद की है. स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम के तहत अमन पर 16,05,176 रुपए की मदद से ट्रेनिंग दी गई. वहीं एनुअल कैलेंडर फॉर ट्रेनिंग एंड कंपिटिशन के तहत उन पर 40,45,305 रुपए खर्च किए गए. इसके अलावा खेल इंडिया स्कॉलरशिप स्कीम के जरिए भी उन्हें 4,14,734 रुपए मिले. इस तरह उन पर 72 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए गए.
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क्यों नहीं जीत पाए गोल्ड?
अमन ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में पुअर्तो रिको के रेसलर डारियन क्रूज को हराने के बाद सबसे पहले अपनी गलती मानने की हिम्मत दिखाई. उन्होंने खुलासा किया सेमीफाइनल में उनसे कहां चूक हुई. जियो सिनेमा से बातचीत में उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि मैच में वो थोड़ा कंफ्यूज हो गए थे और शुरुआत में ही ज्यादा पॉइंट्स देने की गलती कर बैठे. अमन ने माना कि उन्हें इस मुकाबले के दौरान एहसास हुआ कि बड़े मैचों में शुरुआत में ज्यादा पॉइंट्स देने के बाद वापसी मुश्किल हो जाती है. बता दें वर्ल्ड नंबर-1 रेसलर जापान के रेइ हिगुची ने 10-0 से हराया था. उन्होंने बाद में गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया.
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