मोहम्मद युनुस.
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनुस गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप से शपथ लेंगे. मोहम्मद युनुस गुरुवार को 2 बजकर 10 मिनट पर बांग्लादेश पहुंचेंगे और शाम 8 बजे उनके शपथ लेने की संभावना है. शपथ ग्रहण समारोह में 400 लोग मौजूद हो सकते हैं. मोहम्मद युनुस के सलाहकार परिषद में 15 सदस्य हो सकते हैं. इस सलाहाकार परिषद की सलाह से ही मोहम्मद युनुस बांग्लादेश में सत्ता का संचालन करेंगे.
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने बुधवार को इसका ऐलान करते हुए कहा कि हमने अपने सभी कमांडर से बात की है. उन्हें लगता है कि तीन-चार दिन में हालात सुधर जाएंगे. उन्होंने कहा कि उनकी प्रोफेसर युसुफ से बातचीत हुई है. उन्हें पूरा विश्वास है कि वह अच्छे रूप से सरकार चलाएंगे. हमने सभी से बातचीत की है. सभी इस बात पर सहमत हैं कि प्रोफेसर युसुफ सरकार का नेतृत्व करें.
जनरल जमां ने कहा कि सेना 84 वर्षीय यूनुस को हर संभव सहायता करेगी. बांग्लादेश में हिंसा के मद्देनजर शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और हिंसक सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद देश छोड़कर दिल्ली में शरण ली है. वहीं, प्रोफेसर यूनुस अभी पेरिस में हैं और वह गुरुवार को ढाका लौट रहे हैं.
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प्रोफेसर युसुफ ने की शांति की अपील
इस बीच, प्रोफेसर युसुफ ने एक संदेश जारी किया है. इस संदेश में उन्होंने सभी से शांत रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमारी नई जीत से बांग्लादेश समृद्ध होगा. उन्होंने सभी से हिंसा छोड़कर नए बांग्लादेश के गठन में योगदान देने की अपील की है.
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को जेल से मुक्त कर दिया है. खालिदा जिला ने भी राष्ट्र के नाम एक वीडियो संदेश जारी किया. खालिदा जिला ने सभी से हिंसा का परित्याग कर शांति की अपील की. उन्होंने कहा कि शांति से ही देश का पुननिर्माण संभव है.
बांग्लादेश में हिंसा जारी, अब तक 469 की मौत
इस बीच, बांग्लादेश में अभी भी हिंसा जारी है. शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के कम से कम 29 समर्थकों के शव बरामद किए गए. इस तरह से बांग्लादेश में मृतकों की संख्या बढ़कर 469 हो गई.
वहीं हिंसा के बाद वहां हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसा जारी है. हिंसा के शिकार हिंदू अल्पसंख्यक और आवामी लीग के समर्थक भारत की सीमा पर एकत्रित हो गये हैं और भारत में प्रवेश की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जलपाईगुड़ी में बड़ी संख्या में बांग्लादेश के लोगों को बीएसएफ के जवानों ने सीमा पर ही रोक दिया है.
पुलिस मुख्यालय में नवनियुक्त पुलिस महानिरीक्षक मोहम्मद मैनुल इस्लाम ने कहा कि कुछ गैर-पेशेवर अधिकारियों ने बल प्रयोग के स्वीकृत सिद्धांतों का पालन नहीं किया और मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है. वहीं, बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आंदोलनरत कुछ छात्र यातायात संभालते दिखें.
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