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830 करोड़ अटैच, 8 नेता रडार पर; नेशनल हेराल्ड केस में ED ने अब तक क्या क्या कार्रवाई की? | ED What action taken in National Herald case Rahul Gandhi 830 crore attached 8 leaders on radar

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Aug 3, 2024    150854 views     Online Now 191
830 करोड़ अटैच, 8 नेता रडार पर; नेशनल हेराल्ड केस में ED ने अब तक क्या-क्या कार्रवाई की?

हेराल्ड केस की जांच ईडी कर रही है

2 साल बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राहुल गांधी एकसाथ सुर्खियों में हैं. शुक्रवार तड़के राहुल ने अंदेशा जताया कि उनके घर पर ईडी छापा मार सकती है. जांच एजेंसी की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि राहुल के घर ईडी की रेड नेशनल हेराल्ड केस में हो सकती है. 12 साल पुराने इस केस में राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के 8 नेता प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर हैं.

नेशनल हेराल्ड केस का मामला क्या है?

नेशनल हेराल्ड अखबारों का एक समूह है, जिसका प्रकाशन आजादी से पहले से होता आ रहा है. आजादी के बाद इस अखबार को जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में चलाया जाने लगा. प्रकाशन को सही तरीके से चलाने के लिए एसोसिएट्स जर्नल लिमिटेड (AJL) नामक कंपनी बनाई. 2011 तक इसी कंपनी के अधीन नेशनल हेराल्ड काम करता रहा.

बीजेपी नेता और मशहूर वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर नेशनल हेराल्ड में हुए भ्रष्टाचार का मामला उठाया. स्वामी के मुताबिक कांग्रेस ने 1990 से लेकर 2008 तक एजेएल कंपनी को नेशनल हेराल्ड चलाने के लिए 90 करोड़ रुपए ऋण दिए.

कंपनी की जब स्थिति चरमराई तो एक नई कंपनी बनाई गई, जिसका नाम यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) रखा गया. इस कंपनी में 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी सोनिया और राहुल को दी गई. बाकी हिस्सेदारी कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष मोतिलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिज में बांटा गया.

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स्वामी ने कोर्ट मे जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें कहा गया है कि कांग्रेस के लोन चुकाने के लिए AJL का 90 करोड़ का शेयर साल 2009 में YIL में ट्रांसफर किया गया. जब यह शेयर ट्रांसफर हो गया तो कांग्रेस ने उस ऋण को माफ कर दिया.

स्वामी के मुताबिक इस डील का मकसद दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस और अन्य संपत्तियां को गांधी परिवार को ट्रांसफर करना था.

AJL में शेयरधारक रहे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कण्डेय काटजू और वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने आरोप लगाया था कि जब AJL का शेयर YIL में ट्रांसफर किया गया तो इसकी सूचना उन्हें नहीं दी गई.

केस में ईडी की एंट्री कब हुई थी?

साल 2015 में नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हुई थी, तब से जांच एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है. इसी साल दिल्ली की एक अदालत से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस केस में जमानत मिल गई. सोनिया और राहुल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि दोनों देश के बड़े नेता हैं और जांच एजेंसी से पूछताछ में लगातार सहयोग करेंगे.

उस वक्त स्वामी ने यह कहते हुए दोनों की जमानत का विरोध किया था कि अगर उन्हें राहत दी गई तो वे लोग विदेश चले जाएंगे. हालांकि, कोर्ट ने स्वामी की दलील को नहीं मानते हुए निजी मुचलके पर सोनिया और राहुल को जमानत दे दी.

इस केस में रडार पर कौन-कौन हैं?

सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा इस केस में 6 और कांग्रेस नेता रडार में हैं. इनमें मल्लिकार्जुन खरगे, भूपिंदर हुड्डा, डीके शिवकुमार, डीके सुरेश, पवन बंसल और सैम पित्रौदा का नाम प्रमुख हैं. मोतिलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिज भी इस केस में ईडी के रडार में थे, लेकिन अब उनका निधन हो चुका है.

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खरगे और हुड्डा का नाम AJL के भूमि आवंटन में कथित तौर पर अनियमिता की वजह से इस केस में आया. दोनों ही नेताओं से ईडी 2022 में पूछताछ कर चुकी है. पवन बंसल कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रह चुके हैं, इसलिए ईडी ने उनसे भी पूछताछ की थी.

डीके शिवकुमार और डीके सुरेश पर आरोप है कि उनकी एक कथित कंपनी ने YIL को अनिर्दिष्ट तरीके से पैसे दिए. शिवकुमार से इस मामले में जांच एजेंसी पूछताछ भी कर चुकी है.

अब तक ED ने क्या-क्या कार्रवाई की है?

प्रवर्तन निदेशालय ने हेराल्ड केस में पिछले 9 साल में अब तक नेताओं से पूछताछ के अलावा करीब 830 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की है. साल 2020 में जांच एजेंसी ने मुंबई के ब्रांदा स्थित 16.38 करोड़ रुपए की नौ मंजिला इमारत का एक हिस्सा जब्त किया था.

साल 2019 में ईडी ने इस मामले में 64 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी. 2023 में ईडी ने हेराल्ड केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए 751.9 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की थी. ये संपत्ति दिल्ली और अन्य इलाकों की थी.

ईडी ने राहुल से क्या-क्या पूछा था?

2022 में राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने 5 दिनों तक पूछताछ की थी. यह पूछताछ दिल्ली स्थित ईडी के दफ्तर में हुई थी. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने उस वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल से पूछे गए सवालों का विवरण दिया था.

सिंघवी के मुताबिक ईडी ने राहुल से 3 बड़े सवाल पूछे, जिसका राहुल ने जवाब दिया था-

सवाल- क्या YIL में आप डायरेक्टर और शेयर होल्डर हैं?
राहुल- जी हां.
सवाल- क्या YIL से आपने अभी तक कोई फायदा लिया है?
राहुल- नहीं. कंपनी जिस एक्ट में गठित है, उसमें फायदा लिया ही नहीं जा सकता है.
सवाल- क्या यंग इंडिया AJL का शेयर होल्डर है?
राहुल- जी और ये पहले भी था और अभी भी है.

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राहुल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि मैंने पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारियों से कहा कि आपने मुझे बुलाया नहीं है. मैं खुद आया हूं. मैं किसी से डरता नहीं हूं.

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