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AIIMS झज्जर में बिना साइडइफेक्ट वाली इस थेरेपी से हो रहा कैंसर मरीजों का इलाज, कीमोथेरेपी से कैसे है अलग | In AIIMS Jhajjar Cancer patients can get immunotherapy facilities

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Jul 29, 2024    150850 views     Online Now 159
AIIMS झज्जर में बिना साइडइफेक्ट वाली इस थेरेपी से हो रहा कैंसर मरीजों का इलाज, कीमोथेरेपी से कैसे है अलग

एम्स झज्जर

भारत में कैंसर की बीमारी खतरनाक तरीके से बढ़ रही है. WHO की रिपोर्ट बताती हैं कि देश में साल 2022 में कैंसर के 14 लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं. यह आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है. भारत में लंग्स, ब्रेस्ट, सर्वाइकल और प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. कैंसर की बीमारी में सबसे बड़ी चिंता यह है कि अधिकतर मरीजों को इसका काफी देरी से पता चलता है. ऐसे में इलाज एक बड़ी चुनौती बन जाता है. कैंसर का इलाज भी प्राइवेट अस्पतालों में काफी महंगा है और सरकारी अस्पतालों में उतनी बेहतर व्यवस्था नहीं है.

देशभर के कई मरीज कैंसर के इलाज के लिए एम्स दिल्ली जाते हैं. यहां मरीजों की काफी भीड़ रहती है. लेकिन एम्स के ही झज्जर में स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में भी इस बीमारी के इलाज की बेहतरी सुविधाएं मौजूद है. इस अस्पताल में कैंसर मरीजों को इम्यूनोथेरेपी भी दी जा रही हैं.

एम्स ( एनसीआई) झज्जर के हेड डॉ. अलोक ठक्कर बताते हैं कि उनके संस्थान मे इम्यूनोथेरेपी से कैंसर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. एम्स में मरीजों की सर्जरी, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी की सुविधा भी दी जा रही है. मरीजों के परिजनों के ठहरने और खानपान की भी उचित व्यवस्था की गई है. मरीज यहां आकर कैंसर का इलाज आसानी से करा सकते हैं.

क्या होती है इम्यूोथेरेपी

इम्यूनोथेरेपी की मदद से मरीज के इम्यून सिस्टम को एक्टिव करके कैंसर सेल्स को खत्म किया जाता है. इस थेरेपी में इम्यून सिस्टम को बढ़ाया जाता है, ताकि वह कैंसर सेल्स को खोजकर उनको खत्म कर सके. इम्यूनोथेरेपी के साइ़डइफेक्ट्स भी कीमोथेरेपी की तुलना में काफी कम हैं. विदेशों में कैंसर मरीजों पर हुअए ट्रायल में इस थेरेपी के अच्छे परिणाम मिले हैं. एम्स झज्जर में भी इम्यूनोथेरेपी से कैंसर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इस थेरेपी में इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने वाली दवाओं का यूज किया जाता है.

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कीमीथेरेपी से कैसे है अलग

कीमोथेरेपी में कैंसर सेल्स को मारा जाता है, लेकिन यह थेरेपी कुछ अच्छे सेल्स को भी खत्म कर देती है. इस वजह से शरीर में इसके साइड इफेक्ट नजर आते हैं. कैंसर मरीज के बाल झड़ने लगते हैं, वजन कम होने लगता है और कुछ मरीजों की स्किन भी काली पड़ने लगती है, लेकिन इम्यूनोथेरेपी में ऐसी परेशानी नहीं होती है. इस थेरेपी में केवल कैंसर सेल्स को ही खत्म किया जाता है. यह थेरेपी इंजेक्शन की मदद से मरीजों को दी जाती है. ड्रिप के जरिए इस थेरेपी की दवाओं को मरीज के शरीर में डाला जाता है.

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