भारत ऐसे बनेगा विकसित
मोदी 3.0 का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश कर चुकी हैं. इस बार सरकार ने बजट में 9 प्राथमिकताओं पर जोर दिया है. इन सभी प्रायोरिटी के फोकस में 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को पाना है. निर्मला सीतारमण ने बजट को विजन डॉक्युमेंट की तरह पेश करते हुए इस लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया जाएगा, इसका एक पूरा रोडमैप तैयार किया है. चलिए समझते हैं बजट की यही बात…
निर्मला सीतारमण का ये लगातार 7वां बजट था, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इस बजट में सरकार ने इनकम टैक्स स्ट्रक्चर यानी कि स्लैब्स में बदलाव करते हुए जहां स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को न्यू टैक्स रिजीम में बढ़ाकर 75,000 रुपए किया है. वहीं सरकार का फोकस विदेशी निवेश को लाने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाने पर भी रहा है.
आम आदमी के टैक्स का बोझ
सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम में 50,000 के स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 कर दिया है. इससे लोगों की इफेक्टिव टैक्स फ्री इनकम की लिमिट 7.5 लाख रुपए से बढ़कर 7.75 लाख रुपए हो चुकी है.
सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब्स में बदलाव किया है. अब 0 से 3 लाख रुपए की इनकम तक जीरो टैक्स, 3 से 7 लाख पर 5 प्रतिशत, 7 से 10 लाख पर 10 प्रतिशत, 10 से 12 लाख पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख पर 20 प्रतिशत और 20 लाख रुपए से अधिक पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाया है.
इसके अलावा सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) 0.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.2 प्रतिशत किया गया है. फ्यूचर एंड ऑप्शंस मार्केट के लिए भी एसटीटी को बढ़ाया गया है. अब ये फ्यूचर ट्रेड के लिए 0.02 प्रतिशत और ऑप्शंस के लिए 0.01 प्रतिशत होगा.
सरकार ने ई-कॉमर्स सेलर्स को राहत दी है. अब उन्हें प्लेटफॉर्म से मिलने वाले पेमेंट पर सिर्फ 0.1 प्रतिशत टीडीएस देना होगा, जो पहले 1% था. कैपिटल गेन टैक्स में भी बदलाव हुए हैं. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन 20 प्रतिशत किया गया है. जबकि लॉन्ग टर्म के लिए टैक्स रेट फ्लैट 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अलावा मोबाइल फोन, चार्जर, बैटरी, सोना-चांदी, सोने-चांदी के गहने इत्यादि को सस्ता किया गया है.
कैपिटल एक्सपेंडिचर पर सरकार का जोर
मोदी सरकार ने हर बार की तरह अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर पर फोकस को बनाए रखा है. सरकार ने इसे अंतरिम बजट के अनुमान 11.1 लाख करोड़ रुपए के बराबर रखा है. वहीं इसके साथ राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.9 प्रतिशत के बराबर लाने का लक्ष्य तय किया है.
किस सेक्टर को मिला कितना?
विकसित भारत के लक्ष्य के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हर सेक्टर को कुछ ना कुछ दिया है. इसमें रक्षा क्षेत्र को 4.55 लाख करोड़ रुपए, ग्रामीण विकास को 2.65 लाख करोड़, कृषि सेक्टर को 1.51 लाख करोड़ रुपए, गृह मामलों के मंत्रालय को 1.50 लाख करोड़, शिक्षा को 1.25 लाख करोड़, आईटी एवं टेलीकॉम सेक्टर को 1.16 लाख करोड़, स्वास्थ्य को 89 हजार करोड़, ऊर्जा को 68 हजार करोड़, सामाजिक कल्याण के लिए 56,501 करोड़ और वाणिज्य एवं उद्योग को 47 हजार करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है.
समाज कल्याण पर सरकार का ध्यान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को जारी रखने का ऐलान तो पहले ही कर दिया है. साथ ही कई नई स्कीम भी शुरू करने का प्रावधान किया है. जैसे प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के लिए 63,000 करोड़ रुपए, शहरी गरीब और मिडिल क्लास के आवास के लिए 10 लाख करोड़ रुपए, मुद्रा लोन की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख करना, एमएसएमई के लिए नई क्रेडिट गारंटी स्कीम, रोजगार निर्माण के लिए 2 लाख करोड़ और प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना जैसी योजनओं का शुभारंभ भी बजट में किया गया है.
सरकार के ये कदम एक मजबूत भारत की नींव रखेंगे, जो सबको साथ लेकर चलने वाला है.इसी के आधार पर विकसित भारत का लक्ष्य सरकार ने तय किया है.
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