समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसे लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक निर्देश जारी किया था, जिसके मुताबिक यात्रा के मार्ग पर पड़ने वाले तमाम होटलों, ढाबों और फल विक्रेताओं को अपनी दुकान और ठेले पर मालिक का नाम चस्पा करना होगा. इस आदेश को लेकर विपक्षी दलों के नेता लगातार यूपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने भी कांवड़ यात्रा को लेकर जारी किए इस आदेश की आलोचना की है. उन्होंने मामले में कोर्ट से दखल देने की भी अपील करते हुए लिखा है कि, “माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे. ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं.” समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल किया है कि, “…जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?”
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और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?
माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते pic.twitter.com/nRb4hOYAjP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2024
विपक्षी नेताओं के निशाने पर BJP
इससे पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इस फैसले का विरोध करते हुए इसे हिटलरशाही बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर लिखा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के आधार पर अब हर खाने वाली दुकान दुकान-ठेले के मालिक को अपने नाम का बोर्ड लगाना होगा, जिससे कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से सामान न खरीद ले. ओवैसी ने आगे लिखा है कि इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथाइड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम जूडेन बॉयकॉट (यहूदियों का बहिष्कार) था.
इसके अलावा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी इस बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए प्रशासन के फैसले की आलोचना की थी और इसे सरकार द्वारा प्रायोजित कट्टरता करार दिया था. पवन खेड़ा ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा है कि हम देश को अंधकार युग में वापस धकेलने की इजाज़त नहीं दे सकते.
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए फैसला- पुलिस
मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह का कहना है कि कानून व्यवस्था के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं, हमारे जनपद में करीब 240 किलोमीटर का रूट है, ऐसे में सभी ढाबों और खाने-पीने का सामान बेचने वालों को कहा गया है कि अपनी दुकान पर काम करने वाले या मालिक का नाम बोर्ड पर जरूर लिखें.” उन्होंने कहा कि यह निर्देश इसलिए दिया है जिससे किसी भी कांवड़िये के मन में कोई कन्फ्यूजन ना हो और कानून व्यवस्था की स्थिति बनी रही.
बता दें कि हर साल सावन के महीने में भगवान शिव के भक्त गंगा तट पर जाते हैं. इस दौरान सात्विक भोजन करने पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाता है और यह यात्रा अक्सर नंगे पैर ही की जाती है. दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा के मार्ग पर बड़ी संख्या में कांवड़िये यात्रा करते हैं.
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