मास शूटिंग उसे कहते हैं जब गोली चलाने पर 4 या उससे अधिक लोगों की या तो मौत हो जाती है या घायल हो जाते हैं.
चुनावी रैली को सम्बोधित कर रहे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर रविवार को गोली चलने के बाद एक बार फिर मास शूटिंग का मुद्दा चर्चा में आ गया है. अमेरिका का रिकॉर्ड देखें तो पिछले 10 साल में मास शूटिंग के मामले बढ़कर दोगुने हो गए हैं. गन वॉयलेंस अर्काव्स के आंकड़े इस पर मुहर लगाते हैं. पिछले साल यहां ऐसे 630 मामले दर्ज किए गए.
गन वॉयलेंस अर्काव्स के मुताबिक, मास शूटिंग उसे कहते हैं जब गोली चलाने पर 4 या उससे अधिक लोगों की या तो मौत हो जाती है या घायल हो जाते हैं. घटनाओं के आंकड़े बताते हैं कि इस तरह के मामले घरों और पब्लिक प्लेस, दोनों जगहों पर हुए हैं.
अमेरिका में हर दिन मास शूटिंग के दो मामले, बढ़ रहा ग्राफ
पिछले साल अमेरिका में औसतन 600 से ज्यादा मास शूटिंग हुई. यानी हर दिन दो ऐसी घटनाएं हुईं. इसका सबसे चर्चित मामला 2017 में लास वेगास में सामने आया था. घटना में 50 से अधिक लोग मारे गए थे और 500 घायल हो गए थे. अमेरिका में ऐसे अपराधों का ग्राफ साल दर साल बढ़ रहा है.
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अमेरिकी हेल्थ एजेंसी CDC के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में अमेरिका में बंदूक से घायल होने वाले 48,830 लोगों की मौत हुई. 2020 की तुलना में यह आंकड़ा 8% ज्यादा है. वहीं, 2021 में सामूहिक गोलीबारी और बंदूक से हुईं हत्याओं की घटनाओं में आधे से अधिक आत्महत्याएं थीं.
पीछे छूटा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड
CDC के अनुसार , 2021 में 20,000 से अधिक मौतों की वजह हत्याएं थीं. आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में हर दिन 50 से अधिक लोग बंदूक से मारे जाते हैं. यह कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेल्स तथा कई अन्य देशों की तुलना में हत्याओं का काफी बड़ा अनुपात है. ये आंकड़े साबित करते हैं कि अमेरिका में कैसे बंदूक के लाइसेंस से लेकर इसकी खरीदारी तक, आम बात है. यहां के नागरिक बंदूक रखने में कैसे दुनिया को पीछे छोड़ रहे हैं अब इसे भी समझ लेते हैं.
बंदूक रखने में अमेरिकी सबसे आगे
अमेरिका में गन कल्चर किस कदर हावी है, आंकड़े इसकी कहानी खुद कहते हैं. एन्नल्स ऑफ इंटरनल मेडिकल की रिपोर्ट में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 के बीच अमेरिका में 75 लाख वयस्कों ने बंदूक खरीदीं. 1.10 करोड़ अमेरिकन के पास हथियार हैं. इसमें आधी से अधिक बंदूक की मालिक महिलाएं हैं. आंकड़े यह भी बताते हैं कि बंदूक रखने के मामले में अमेरिकी सबसे आगे हैं.
स्मॉल आर्म्स सर्वे की रिपोर्ट कहती है, अमेरिका में हर 100 लोगों पर 120 बंदूक हैं. यह आंकड़ा पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है. दूसरे पायदान पर यमन है. यहां यह आंकड़ा 52.8 है. वहीं, तीसरे पर सर्बिया (39.1) है. 34.7 आंकड़े के साथ कनाडा इस मामले में पांचवे पायदान पर है.
बंदूक रखने में पीछे नहीं पर चाहते हैं सख्त नियम
बीबीसी की रिपोर्ट में गैलप का सर्वे का कहता है, 57 फीसदी अमेरिकी चाहते हैं इसको लेकर सख्त नियम बने. वहीं, 32 फीसदी कहते हैं कानून जैसा है वैसा ही रहना चाहिए. 10 फीसदी अमेरिकी लोगों का मानना है नियमों को लेकर सख्ती कम होनी चाहिए.बंदूक को लेकर यहां के नियम उतने सख्त नहीं है जितने होने चाहिए. फिर चाहें यहां बंदूक खरीदने का मामला हो या फिर लाइसेंस जारी होने का.
बिना बैकग्राउंड जांचे हाथ में बंदूक
अमेरिका के संविधान में नागरिकों को बंदूक रखने का अधिकार दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में एक घंटे के अंदर गन खरीदी जा सकती है, जबकि दुनिया के ज्यादातर देशों में कानूनीतौर पर इसके लिए महीनों लग जाते हैं. हालांकि, यहां के कुछ राज्य ऐसे हैं जो कैंडिडेट का पिछला बैकग्राउंड जांचने के बाद इसकी अनुमति देते हैं, लेकिन ऐसे राज्य कम हैं. करीब एक तिहाई अमेरिकी लोगों को बंदूक बिना किसी बैकग्राउंड की जांच के मिल जाती है.
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