कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण हो इसको लेकर अभियान छेड़ दिया गया है. ‘एक पेड़ मां के नाम’ के संकल्प के साथ आम व्यक्ति हो या फिर जनप्रतिनिधि सभी इस मुहिम में जुट गए हैं. वहीं ग्वालियर में इन्ही पेड़ों को बचाने एक व्यक्ति ने मोर्चा खोल दिया है.
कलेक्टर जनसुनवाई में घाटीगांव के पार गांव में रहने वाले एक किसान ने मुख्यमंत्री और प्रशासन से दर्द भरी गुहार लगाई है. उसने यह गुहार अपनी किसी सुख सुविधा के लिए नहीं, बल्कि हरे भरे पेड़ों को बचाने के लिए लगाई है. किसान रमेश सिंह ने कलेक्टर को की गई शिकायत में बताया है कि घाटीगांव तहसील के अंतर्गत आने वाली उसकी ग्राम पंचायत पार में 10 साल पहले मनरेगा के तहत तत्कालीन सरपंच ने हरे भरे पौधे लगाए थे. जो अब पेड़ों में तब्दील हो गए हैं. लेकिन प्रकृति के लिए जरूरी इन 1500 से ज्यादा पेड़ों पर दबंगों ने कब्जा कर उन्हें काटना शुरु कर दिया है.
दबंगों ने नीम, शीशम कटहल जैसे छायादार और फलदार लगभग 500 से ज्यादा पेड़ों को काट दिया है. जबकि वह जमीन शासकीय है और अब वहां पेड़ों को काटकर दबंग खेती कर रहे हैं. किसान रमेश सिंह ने सीएम मोहन से गुहार लगाने के साथ ही शासन प्रशासन को चेतावनी दी है कि हरे भरे पेड़ों को बचाने के लिए यदि दबंगो पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो वह पेड़ों के बीच ही उन्हें बचाने आमरण अनशन पर बैठ जाएगा.
इस गंभीर मामले पर प्रशासन ने भी किसान रमेश सिंह को आश्वासन दिया है कि वह इस मामले में जल्द ही सख्त कार्रवाई करेंगे. ताकि हरे-भरे पेड़ों को बचाया जा सके. प्रशासन का यह मानना है कि मनुष्य के जीवन के लिए पेड़ बेहद जरूरी है. शासन और प्रशासन मिलकर प्रकृति संरक्षण और पेड़ों को लगाने का काम कर रहा है. ऐसे में दबंगों के किए जा रहे इस अपराध पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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