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अयोध्या, मथुरा और काशी के बाद अब आगरा की जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग, हाईकोर्ट पहुंचा मामला | After Ayodhya Mathura and Kashi demand for conducting survey of Agra Jama Masjid

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Jul 3, 2024    150854 views     Online Now 266
अयोध्या, मथुरा और काशी के बाद अब आगरा की जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग, हाईकोर्ट पहुंचा मामला

आगरा की जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग

अयोध्या, मथुरा और काशी के बाद अब आगरा की जामा मस्जिद का भी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की गई है. मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. हाईकोर्ट में गुरुवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में होगी.

मथुरा मामले के पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह का दावा है कि 1670 में मुगल बादशाह औरंगजेब ने मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि पर हमला कर वहां लूटपाट की थी. मूर्तियों को ले जाकर आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे छिपा दिया था. मांग है कि सर्वेक्षण के जरिए सच्चाई का पता लगाया जाए. मूर्तियों को आगरा की जामा मस्जिद से निकालकर उन्हें वापस जन्मभूमि में स्थापित किया जाए.

देवकीनंदन ठाकुर भी उठा चुके हैं सर्वे की मांग

आगरा की जामा मस्जिद को लेकर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर भी सवाल उठाते रहे हैं. बीते साल उन्होंने भी कहा था कि 1670 में औरंगजेब ने मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर को तोड़ा था. वहां की मूर्तियों को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में रखवा दिया था. आगरा की जामा मस्जिद कि सीढ़ियों से लेकर द्वार तक ज्ञानवापी की तरह कोर्ट से जांच कराई जाए.

मस्जिद परिसर में होने वाली क्षति के नुकसान की भरपाई करेंगे

देवकीनंदन ने बात यूपी के कानपुर में कही थी. वो एक कथा के आयोजन में पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने था कहा कि आगरा की जामा मस्जिद की जांच भी कराई जाए. सीढ़ियों में अगर हमारे भगवान की मूर्ति नहीं निकलती है तो मस्जिद परिसर में होने वाली क्षति के नुकसान की भरपाई वो खुद करेंगे. कोई भी सनातनी भगवान का अपमान नहीं सह सकता, इसलिए हम अपमान नहीं सहेंगे.

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भगवान का अपमान नहीं सहन कर सकते

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा था कि यह बात हम नहीं कह रहे हैं. मुस्लिम इतिहासकार ने खुद लिखा है. इसके अलावा कई इतिहास की किताबें में भी इसका जिक्र है. जिसका प्रमाण मजार-ए-आलम ने अपनी किताब में भी किया है. हम भाईचारे की बात करते हैं, लेकिन अपने भगवान का अपमान नहीं सहन कर सकते.

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