आकाश श्रीवास्तव, नीमच। मध्य प्रदेश के नीमच में आज एक वृहद स्तर पर ब्लड ग्रुप जांच अभियान आयोजित किया गया। इस दौरान 1 लाख लोगों के जांच का लक्ष्य तो निर्धारित किया गया था। लेकिन इस दौरान कुछ अनियमितताएं भी सामने आई। जिस शख्स का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव था, जांच के बाद उसकी रिपोर्ट में वह A+ आ गया। ऐसे एक नहीं कई उदाहरण देखने को मिले। हद तो तब हो गई जब उन्होंने अस्पताल के स्टाफ से इसकी शिकायत की लेकिन उन्होंने एक न सुनी।
दरअसल नीमच कलेक्टर दिनेश जैन के निर्देशन में ब्लड ग्रुप जांच अभियान को लेकर तैयारियां की जा रही थी। इसको लेकर करीब 1 लाख लोगों के जांच का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिले में आज 295 स्थानों पर जांच केंद्र बनाए गए थे। एक ही दिन में कुल 83,372 लोगों के अपने ब्लड ग्रुप की जांच करवाई। इस दौरान एक मामला जावद के सिविल हॉस्पिटल से सामने आया जहां सुनील धनगर नामक युवक अपने ब्लड की जांच करवाने के लिए जावद सिविल हॉस्पिटल पहुंचा था। जहां उसकी रिपोर्ट में A+ दर्शाया गया। लेकिन सुनील का कहना था कि उसका ब्लड ग्रुप O+ है।
वहीं शंभू लाल नामक युवक अपने ब्लड ग्रुप की जांच करवाने जावद सिविल हॉस्पिटल पहुंचा तो उसे भी AB+ बताया गया। लेकिन उसका ब्लड ग्रुप A+ था। युवकों ने केंद्र पर मौजूद लोगों को यह बात बताई पर वहां मौजूद स्टाफ ने उनकी नहीं सुनी। जिसके बाद दोनों युवक अन्य जांच केंद्र पर पहुंचे। जहां अपने ब्लड की जांच करवाई तो रिपोर्ट सही आई।
वहीं अब इस मामले के बाद जांच रिपोर्ट पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर इस तरह की लापरवाही और भी लोगों के साथ हुई है तो यह प्राण घातक साबित हो सकती है। क्योंकि इसी कार्ड के माध्यम से अगर खून किसी अन्य व्यक्ति के चढ़ा दिया गया तो उस व्यक्ति की जान भी जा सकती है। हालांकि मामले में जावद एसडीएम राजेश शाह ने जांच करवाने की बात कही है।
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