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गर्मी में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी से स्वास्थ्य पर पड़ता है गंभीर परिणाम, ऐसे करें बचाव …

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May 25, 2024    150848 views     Online Now 311

देश के कई हिस्सों में तापमान 43 डिग्री से ज्यादा है. बढ़ते तापमान में अगर शरीर की ठीक से देखभाल न की जाए तो स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है. इसलिए, स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ ज़रूरी देखभाल की बात करते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक़, डिहाइड्रेशन सिर्फ़ कम पानी पीने से ही नहीं होता, बल्कि डायरिया के कारण भी शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है. दस्त के दौरान पानी और नमक की मात्रा कम हो जाती है. इस स्थिति में व्यक्ति को सुस्ती, बेहोशी, आंखें धंसी हुई, पानी पीने की इच्छा नहीं होती है.

आपके शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी से आपके स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इन प्रभावों को डिहाइड्रेशन यानी शरीर मे पानी की कमी कहा जाता है. गर्मियां में लगातार पसीने के कारण न केवल शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, बल्कि शरीर में नमक भी कम हो जाता है. Read More – शादी करने जा रहे Abdu Rozik, वीडियो शेयर कर फैंस को दी खुशखबरी …

डिहाइड्रेशन के लक्षणों को ख़ुद कैसे पहचानें?

अगर बहुत प्यास लग रही है.
अगर पेशाब गहरा पीला और तेज गंध वाला हो.
अगर आपको सामान्य से कम पेशाब आता है.
अगर आपको चक्कर आ रहा है.
आपको थकान महसूस हो सकती है.
अगर मुंह, होंठ, जीभ सूखी है.
अगर आंखें गहरी लग रही हैं.

अगर आप ऐसे लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको डिहाइड्रेशन होने की संभावना है. ऐसे में शरीर से पानी और नमक की कमी को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए और डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए.

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शरीर में पानी की कमी होने पर क्या होता है?

इसका सबसे पहला संकेत हमारे पेशाब में दिखता है. अगर पेशाब पीला हो या, पेशाब का रंग लाल हो जाए तो इसका मतलब है कि शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो गई है.इस संबंध में डॉक्टर का कहना है “धूप में लगातार चलने या गर्म भट्टी के पास काम करने से न केवल शरीर में पानी कम होता है, बल्कि सोडियम, पोटैशियम, क्लोराइड और बाइकार्बोनेट जैसे अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा भी कम हो जाती है. अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो शरीर में मैग्नीशियम और कैल्शियम की मात्रा भी कम हो जाती है.” एक वयस्क के शरीर में 60 से 70 प्रतिशत पानी होता है.

“अगर पानी के इस स्तर में ज़्यादा अंतर हो तो हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है. यानी खाया हुआ खाना पच नहीं पाता है. साथ ही व्यक्ति को दौरे भी पड़ सकते हैं. सांस लेने में दिक्क़त हो सकती है.” ‘इतना ही नहीं बल्कि यह भी डर रहता है कि अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो व्यक्ति की सांस और दिमाग पर असर पड़ेगा, उसकी मौत हो सकती है. Read More – Juhi Chawla ने दिया Shahrukh khan का हेल्थ अपडेट, कहा – IPL के फाइनल मैच जरूर आएंगे वो …

यह उपाय करें

शरीर को पानी की ज़रूरत होती है, ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि एक बार में बहुत सारा पानी पीना उचित नहीं है. इसलिए, विशेषज्ञों की सलाह है कि एकमात्र समाधान यह है कि प्यास लगने पर पानी पीना याद रखें.प्यास लगने पर एक बार में दो या तीन गिलास भी पीने से बचना चाहिए. पानी धीरे-धीरे पीना बेहतर है.

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गर्मियों में बाहर का तैलीय खाना खाने से बचें.
खाना खाकर ही घर से निकलें या अपना डिब्बा साथ ले चलें.
खट्टे फल विटामिन सी के लिए अच्छे होते हैं. तरबूज, खरबूजा, संतरा, मौसम्बी, अंगूर, आम, अनार को आहार में शामिल करना चाहिए.
आंवला, कोकम, कैरी में विटामिन ‘सी’, सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे तत्व भी होते हैं.

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