• Sun. Nov 3rd, 2024

Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024: एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है? जानें पूजा विधि, शुभ योग और महत्व | Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024 Me Kab Hai Puja Vidhi Shubh Yog and Mahatva

ByCreator

May 23, 2024    15089 views     Online Now 122
Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024: एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है? जानें पूजा विधि, शुभ योग और महत्व

एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है? जानें पूजा विधि, शुभ योग और महत्व

Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024: हिंदू धर्म में हर साल ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी बड़े ही उत्साह से मनाई जाती है. एकदंत संकष्टी चतुर्थी सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता भगवान गणेश को समर्पित है. हर मांगलिक या शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. गणपति बप्पा को चतुर्थी तिथि समर्पित है, जो हर माह में दो बार आती है. मई माह में पड़ने वाली एकदंत संकष्टी चतुर्थी को पूजा-पाठ और व्रत करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है और हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2024 में ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 मई दिन रविवार को पड़ रही है. चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 मई को सुबह 06.06 बजे पर होगी. इसका समापन 27 मई की सुबह 04.53 बजे होगा. एकदंत संकष्टी चतुर्थी का पर्व और शुभ मुहूर्त 26 मई को ही रहेगा. इस दिन पूजा का समय चंद्रोदय होने पर रात 09.39 बजे रहेगा.

शुभ योग

इस साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर सबसे पहले साध्य योग का निर्माण हो रहा है. यह योग सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक है. इसके बाद शुभ योग का निर्माण हो रहा है. शुभ योग दिन भर रहेगा. इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध होंगे. एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर भद्रा का भी शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन भद्रा पाताल में रहेंगी. भद्रा के पाताल में रहने के दौरान पृथ्वी वासी का कल्याण होता है. एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर भद्रा योग संध्याकाल 06 बजकर 06 मिनट तक है. इसके अलावा शिववास का भी योग बन रहा है. इस योग का निर्माण प्रदोष काल में हो रहा है. इस समय में भगवान गणेश की पूजा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है.

See also  Wild Animals: बाघ ने जंगल में किया हमला, युवक की मौके पर ही दर्दनाक मौत

एकदंत संकष्टी चतुर्थी की पूजा कैसे करें

  • एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
  • पूजा घर में ईशान कोण में चौकी पर लाल-पीला कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश जी को विराजित करें.
  • पूजा और व्रत का संकल्प लें और गणेश जी को पुष्प से जल अर्पित करें.
  • अब फूल-माला, दूर्वा की 11 या 21 गांठें भगवान को चढ़ाएं.
  • अब सिंदूर-अक्षत लगाकर, मोदक, फल चढ़ाएं.
  • जल चढ़ाकर घी का दीपक और धूप प्रज्वलित करें.
  • भगवान गणेश का ध्यान लगाएं.
  • पूरे दिन व्रत करें, सूर्यास्त से पहले भगवान की पूजा करें.
  • गणेश जी की आरती गाएं और “गणेश चालीसा” का पाठ करें
  • चंद्र देव के दर्शन के बाद अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें.
  • पूजा के बाद, भगवान गणेश से अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने और सुख-समृद्धि प्रदान करने की प्रार्थना करें

एकदंत संकष्टी चतुर्थी महत्व

एकदंत संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश जी की पूजा और वंदना का पावन अवसर है, इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि, और विद्या का देवता माना जाता है. इस दिन उनकी पूजा करने से शिक्षा, व्यवसाय, और करियर में सफलता प्राप्त होती है.

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL