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Chandrayaan-3 को चंद्रमा तक पहुंचाने में छत्तीसगढ़ के इस बेटे ने निभाई अहम भूमिका, इनके कंधों पर थी ढांचा तैयार करने की जिम्मेदारी

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Aug 23, 2023    150856 views     Online Now 479

वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाला चंद्रयान-3 ने अपनी 40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है. जिसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इस चंद्रयान को चंद्रमा तक पहुंचाने वाले वैज्ञानिकों की टीम में प्रदेश की न्यायधानी का एक बेटा भी शामिल है.

बिलासपुर के रहने वाले विकास श्रीवास ने चंद्रयान 3 को चांद तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है. चंद्रयान-3 को लेकर जो रॉकेट उड़ा था, उसका ढांचा बनाने वाली टीम में विकास भी शामिल थे.

सरकंडा के बंगाली पारा में रहने वाले उघानिकी विभाग से सेवानिवृत दिनेश श्रीवास के पुत्र विकास श्रीवास साल 2007 से तिरुवंतपुरम स्थित इसरो (ISRO) केंद्र में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं. विकास के पिता ने बताया कि विकास की प्रारंभिक शिक्षा तखतपुर में हुई. वह बचपन से ही अंतरिक्ष विज्ञान में विशेष रूचि रखता था. इसके बाद हायर सेकेंडरी की पढ़ाई करने के लिए विकास ने सरस्वती शिशु मंदिर तिलक नगर में दाखिला लिया. फिर उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय कोनी से मैकेनिकल ब्रांच में पूरी की.

विकास के माता-पिता

इसके बाद विकास ने गेट परीक्षा के माध्यम से सफलता हासिल कर इसरो को अपना कार्य क्षेत्र बनाया. जहां वे 2007 से विकास तिरुवंतपुरम स्थित इसरो केंद्र में कार्यरत हैं. विकास चंद्रयान-3 में टीम मेंबर हैं. विकास ने बिलासपुर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ का भी नाम रौशन कर दिया.

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