यदि आपको हर कार्य में सफलता चाहिए तो मंगल यंत्र की पूजा करना अच्छा होता है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल अशुभ है तो उसे मंगल यंत्र की पूजा करना चाहिए. इसकी पूजा करने से सभी कार्य सफल होते हैं मंगल ग्रह की दुष्प्रभाव भी समाप्त हो जाते हैं. इस यंत्र की अचल प्रतिष्ठा होती है.
राजनीति, गृहस्थ जीवन, नौकरी पेशा आदि क्षेत्रों में परेशानी होने पर इस यंत्र की प्रतिष्ठा कर पूजा करने से सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं तथा सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. इस यंत्र के सामने सिद्धि विनायक मंत्र का नित्य जप करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.
इस यंत्र की पूजा करते समय इन मंत्रों का जप भी करें
- ओम् मंगलाय नम:
- ओम् भूमिपुत्राय नम:
- ओम् ऋणहन्त्रये नम:
- ओम् धनप्रदाय नम:
- ओम् स्थिरासनाय नम:
- महाकामाय नम:
- सर्वकाम विरोधकाय नम:
- लोहिताय नम:
- लोहितागाय नम:
- सांगली कृपाकराय नम:
- धरात्यजाय नम:
- कुजाय नम:
- भूमिदाय नम:
- भौमाय नम:
- धनप्रदाय नम:
- रक्ताय नम:
- सर्व रोग प्रहारिण्ये नम:
- सृष्टि कर्ते नम:
- वृष्टि कर्ते नम:
मंगल यंत्र कुंडली में अशुभ स्थान में बैठे मंगल के प्रकोप को शांत करता है. विधि अनुसार मंगल यंत्र की स्थापना करने से आपके घर-परिवार में शुभता का आगमन होता है. मंगल यंत्र के प्रभाव से मंगल के शुभ प्रभाव में बढ़ोत्तरी होती है. अगर आपके ऊपर कर्ज चढ़ा हुआ है तो आपको मंगल यंत्र की पूजा करनी चाहिए. इस यंत्र के पूजन से निश्चित ही आपको कर्ज से मुक्ति मिलेगी. जिन महिलाओं को गर्भधारण में दिक्क्त आ रही है उन्हें भी मंगल यंत्र का पूजन करना चाहिए. इसके अलावा जिन लोगों को मनचाहा जीवनसाथी नहीं मिल रहा उन्हें भी मंगल यंत्र की पूजा से लाभ होगा.
कैसे करें प्रयोग
मंगल यंत्र की स्थापना करते समय मंगल ग्रह की आराधना करें और मंगल मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: का 108 बार जाप करें. मंगल यंत्र के समक्ष घी का दीया जलाएं और इसके ऊपर गंगाजल छिड़कें. इस प्रकार मंगल यंत्र की स्थापना, व्रत और पूजा करने से सभी प्रकार के शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं.