स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के केंद्रीय अनुबंधित महिला और पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच फीस देने के फैसले की क्रिकेट जगत ने प्रशंसा की है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह खेल को लैंगिक समानता की ओर पहुंचाने के लिए महज एक कदम है और अधिक समावेशिता तभी हासिल की जा सकती है जब मार्च में महिलाओं की शुरुआती इंडियन प्रीमियर लीग (महिला IPL) आयोजित की जाएगी.
नई व्यवस्था के तहत बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों को भी अब पुरुष क्रिकेटरों के समान प्रत्येक टेस्ट के लिए 15 लाख रुपए, वनडे के लिए 6 लाख और टी20 के लिए 3 लाख रुपए मैच फीस देगा. हालांकि पुरुष क्रिकेटरों को केंद्रीय अनुबंध में ‘ए’ कैटेगरी में 5 करोड़ रुपए मिलते हैं जबकि महिलाओं के लिए यह राशि 50 लाख रुपए है. Read More – 22 साल में पहली बार KBC पर इस जगह से आया कोई शख्स, रचा इतिहास …
केंद्रीय अनुबंध के आधार पर लैंगिक समानता से काफी दूर : अमिता शर्मा
भारत के लिए 5 टेस्ट, 116 वनडे और 41 टी20 मैच खेलने वाली पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अमिता शर्मा ने कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है. यह सकारात्मक कदम है, लेकिन अगर हम पुरुष और महिलाओं के केंद्रीय अनुबंध देखें, तो हम अब भी लैंगिक समानता से काफी दूर हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि बीसीसीआई भविष्य में इसे देखेगा.
अनकैप्ड खिलाड़ियों के जीवन में आएगा बदलाव : डायना एडुल्जी
पूर्व भारतीय कप्तान डायना एडुल्जी ने कहा कि मैं बीसीसीआई को महिलाओं की मैच फीस पुरुषों के बराबर करने के लिए बधाई देती हूं. महिलाओं की आईपीएल भी जल्द ही आ रही है, इससे काफी बड़ी संख्या में हमारी महिला क्रिकेटरों पर सकारात्मक असर पड़ेगा जिसमें घरेलू क्रिकेटर भी शामिल हैं. यह कई ‘अनकैप्ड’ खिलाड़ियों के लिए जीवन बदलने वाला हो सकता है. लेकिन हमें एक समय में एक कदम उठाने की जरूरत है.
पहली महिला आईपीएल में 5 टीमें होंगी
पहली महिला IPL में कम से 5 टीमें होंगी जिसमें टीम 18 खिलाड़ियों की होंगी. इसमें 12 भारतीय और 6 विदेशी खिलाड़ी होगी जिससे स्थानीय खिलाड़ियों की संख्या 60 होगी. बीसीसीआई ने अभी तक न्यूनतम आधार मूल्य का खुलासा नहीं किया है लेकिन एक खिलाड़ी को एक सत्र में कम से कम 5 लाख मिलने की उम्मीद है. Read More – Virat Kohli ने तोड़ा सचिन तेंदुलकर का ये बड़ा रिकॉर्ड, इस मामले में मास्टर ब्लास्टर को छोड़ा पीछे …
अन्य क्षेत्रों को भी देखेगा बीसीसीआई : शांता रंगास्वामी
एक अन्य पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी ने कहा कि महिला IPL बदलाव लाने वाली होगी और मुझे पूरा भरोसा है कि बीसीसीआई अन्य क्षेत्रों को भी देखेगा. 5 वर्ष पहले किसने सोचा था कि पुरुष और महिला खिलाड़ियों का वेतन समान होगा और महिलाओं की आईपीएल खेली जाएगी.
BCCI की मान्यता मिलने से पहले मैच फीस भी नहीं मिलती थी : हेमलता काला
पूर्व भारतीय खिलाड़ी और मुख्य चयनकर्ता हेमलता काला ने कहा कि जब तक हमें बीसीसीआई की मान्यता नहीं मिली थी, हमें मैच फीस भी नहीं मिलती थी. हम खेल के प्रति लगाव की वजह से खेलते थे जिससे महिला क्रिकेट को बने रहने में मदद मिली. उन्होंने कहा कि हमने पिछले 5 वर्षों में महिला क्रिकेट में काफी विकास देखा है. अगर टीम प्रगति करना जारी रखेगी तो शायद हमारा खेल भी पुरुष क्रिकेट की लोकप्रियता की बराबरी कर सकता है. यह एक रात में नहीं हो सकता इसलिए हमें संयम रखना होगा.