
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के एक बयान से घमासान मच गया है. देश के मौलाना भड़के हुए हैं. सरमा ने असम में ‘बदलती डेमोग्राफी’ पर एक चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा है कि राज्य में जिस तरह से मुस्लिमों की आबादी बढ़ रही है, उससे साल 2041 तक असम में हिंदुओं और मुसलमानों की संख्या बराबर हो जाएगी. यानी असम में जिन मुसलमानों की आबादी अभी 34 प्रतिशत है, वो 2041 तक 50% हो जाएगी और हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे. इसे लेकर हिमंत ने ये कहा है कि ये उनका विचार नहीं बल्कि जनगणना का परिणाम कह रहा है.
हिमंत ने कहा कि अभी असम में अभी 34 प्रतिशत मुसलमान है. इसमें स्थानीय मुस्लिमों की संख्या सिर्फ 3 प्रतिशत है. जबकि इसमें 31 प्रतिशत मियां मुसलमान हैं. यानी वो मुस्लिम आबादी तो बांग्लादेश से असम में आकर बस गई. इसी को लेकर हिमंत ने डेमोग्राफी वाला ये डर दिखाया है. सरमा के बयान के बाद अब बात करते हैं आंकड़ों की.
साल 1991 की जनगणना के अनुसार, असम में हिंदू आबादी 67.14% थी. 2001 में ये आंकड़ा घटकर 64.89% हो गया लेकिन साल 2011 की जनगणना में इसमें और गिरावट हो गई. ये आंकड़ा 61.47% पर पहुंच गया.यानी पिछले 20 वर्षों में असम में हिंदुओं की आबादी लगातार घटती चली गई. अब असम में मुस्लिम आबादी वाला नंबर गेम भी समझ लीजिए, जो हिमंत बिस्वा सरमा के लिए चिंता का विषय हैं.
1991 और 2011 की जनगणना
साल 1991 की जनगणना के अनुसार असम में मुस्लिमों की जनसंख्या 28.43% थी, जो वर्ष 2001 में बढ़कर 30.92% हो गई. जबकि 2011 की जनगणना में आंकड़ा 34.22% पर पहुंच गया. यानी इस दौरान असम में मुसलमानों की आबादी में 5.79 प्रतिशत का इज़ाफा हुआ लेकिन अब उनका अनुमान है कि वर्ष 2041 तक ये नंबर 50% तक पहुंच सकता है और इनमें भी चिंता वो मिया मुस्लिम हैं जो बांग्लादेश से आकर असम में बसे हैं.
वर्ष 2001 में असम के 23 में सिर्फ 6 जिले ऐसे थे जो मुस्लिम बहुल थे, जहां मुसलमानों की संख्या 50% से ज्यादा थी. इनमें भी धुबरी में ये आंकड़ा 74% से भी ज़्यादा था लेकिन 2011 में असम में मुस्लिम बहुल ज़िलों की संख्या 6 से 9 हो गई. इनमें हैलाकांडी, दरांग जैसे ज़िले शामिल हो गए. हिमंत इसीलिए ये दावा कर रहे हैं कि असम में 2041 तक हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएंगे.
दुनिया में तेज़ी से बढ़ रही है मुस्लिम आबादी
इस दावे पर सत्ता का क्लेश भी छिड़ा है और मौलाना भी गुस्से में हैं. अब ऐसे में सवाल है कि क्या आंकड़ों के अनुसार असम में ही मुस्लिमों की आबादी में इजाफा हुआ है? देश को लेकर आबादी वाले इस नंबर गेम में क्या है? इसे लेकर कुछ दिन पहले प्यू रिसर्च सेंटर की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें बताया गया था कि दुनिया में मुस्लिम आबादी सबसे ज़्यादा तेज़ी से बढ़ रही है और इसका असर भारत में भी दिख रहा है.
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट में बया गया था कि वर्ष 2010 में भारत में हिंदू आबादी 80 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2020 में घटकर 79.4% हो गई. मुस्लिमों की जनसंख्या 2010 में 14.3% थी जो 10 वर्ष बाद 2020 में बढ़कर 15.2% हो गई. जबकि ईसाई और अन्य धर्मों की आबादी में भी 10 वर्षों के दौरान गिरावट आई. हालांकि, आबादी वाला ये अलार्म अभी हिमंत ने असम में बजाया है, जिस पर सत्ता का क्लेश जल्दी थमेगा…लगता नहीं है.
ब्यूरो रिपोर्ट टीवी9 भारतवर्ष.
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