
बार-बार लूज़ मोशन होनाImage Credit source: Getty Images
Frequent loose motions : बार-बार दस्त लगना अक्सर मामूली संक्रमण की वजह से होता है लेकिन जब यह समस्या लगातार बनी रहती है या बार-बार लौटती है तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है. यह केवल फूड पॉइजनिंग या पानी की गड़बड़ी नहीं, बल्कि पाचन तंत्र में कोई क्रोनिक बीमारी, हार्मोनल असंतुलन, या गंभीर संक्रमण जैसे टीबी या कैंसर की चेतावनी भी हो सकती है. ऐसे में इसे हल्के में लेना सही नहीं होता—समय रहते जांच करवाना बेहद जरूरी होता है.
AIIMS दिल्ली के Gastroenterology डिपार्टमेंट के पूर्व डॉ अनूप सराया ने बताया कि – मानसून के मौसम में दस्त हो रहे हैं तो एक आम समस्या बन जाती है. लेकिन इसे हमेशा मौसम का असर मानकर अनदेखा करना ठीक नहीं. बारिश के दौरान गंदा पानी और दूषित खाना आसानी से संक्रमण फैला सकता है जिससे बार-बार लूज़ मोशन की समस्या हो सकती है. हालांकि अगर यह परेशानी बारिश खत्म होने के बाद भी बनी रहती है या हर साल इसी मौसम में बार-बार होती है तो यह किसी अंदरूनी बीमारी जैसे इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS), इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिज़ीज़ (IBD) या पाचन तंत्र की कमजोरी का संकेत भी हो सकता है. इसलिए मानसून में साफ-सफाई का ध्यान रखने के साथ-साथ बार-बार होने वाले दस्त को गंभीरता से लेना भी जरूरी है.
संक्रमण सबसे आम कारण
अधिकतर मामलों में बार-बार दस्त का कारण बैक्टीरियल, वायरल या पैरासिटिक संक्रमण होता है. यह आमतौर पर दूषित भोजन या पानी के सेवन से होता है. फूड पॉइजनिंग, गैस्ट्रोएंटेराइटिस या अमीबायसिस जैसी स्थितियों में कुछ दिनों तक लूज़ मोशन चल सकते हैं. लेकिन अगर यह समस्या एक हफ्ते से ज्यादा बनी रहे तो केवल संक्रमण मान लेना गलत होगा.
बार-बार दस्त और पाचन संबंधी रोग
अगर दस्त लंबे समय तक बने रहें, तो यह इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS), इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिज़ीज़ (IBD) जैसे क्रोनिक रोगों की निशानी हो सकते हैं. क्रोहन डिज़ीज़ और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे रोग आंतों की सतह को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे मल त्याग की प्रक्रिया प्रभावित होती है. इसके साथ पेट दर्द, कमजोरी और वज़न कम होना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं.
कब हो सकता है यह किसी बड़ी बीमारी का लक्षण
अगर दस्त के साथ खून आ रहा हो, भूख कम लग रही हो, वज़न तेजी से घट रहा हो या लगातार थकावट महसूस हो रही हो, तो यह कोलन कैंसर, ट्यूमर या पैंक्रियाज से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर से तुरंत जांच कराना ज़रूरी है.
दवाओं और लाइफस्टाइल का प्रभाव
कुछ दवाइयां, जैसे एंटीबायोटिक्स या कैंसर ट्रीटमेंट की दवाएं, आंतों की बैलेंस को बिगाड़ सकती हैं और लंबे समय तक दस्त का कारण बन सकती हैं. इसके अलावा तनाव, गलत खानपान, फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन भी पाचन तंत्र को प्रभावित करता है.
कब करें डॉक्टर से संपर्क
अगर आपको हफ्ते में कई बार लूज़ मोशन हो रहे हैं और यह सिलसिला कई हफ्तों से चल रहा है तो इसे नज़रअंदाज़ न करें. इसके साथ अगर अन्य लक्षण भी दिख रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें. जांच के लिए स्टूल टेस्ट, ब्लड टेस्ट या कोलोनोस्कोपी की ज़रूरत हो सकती है.
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