• Sat. Jul 19th, 2025

कांग्रेस ने उठाई मांग-नए LG का भी साथ… लद्दाख की मांग पर कहां खड़ा केंद्र, छठी अनुसूची से क्या बदल जाएगा?

ByCreator

Jul 17, 2025    150821 views     Online Now 163
कांग्रेस ने उठाई मांग-नए LG का भी साथ... लद्दाख की मांग पर कहां खड़ा केंद्र, छठी अनुसूची से क्या बदल जाएगा?

कांग्रेस ने उठाई लद्दाख के लिए छठी अनुसूची की मांग

लद्दाख के लोग लंबे समय से छठी अनुसूची की मांग कर रहे हैं. इसी के साथ अब कांग्रेस ने जहां जम्मू-कश्मीर के लिए स्टेटहुड की मांग उठाई है. वहीं, दूसरी तरफ लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए भी आवाज उठाई. हाल ही में इसी को लेकर राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर पीएम को पत्र लिखा है.

जहां एक तरफ राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग उठा रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ नए एलजी कविंदर गुप्ता ने भी लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग का समर्थन किया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि मांग जायज है.

छठी अनुसूची क्या है?

6th Schedule भारतीय संविधान का एक विशेष प्रावधान है. जो पूर्वोत्तर भारत के जनजातीय इलाकों को स्वायत्तता (autonomy) देता है. स्वायत्तता देने का मतलब है अपने फैसले खुद लेने की आजादी, लेकिन
विशेष रूप से जनजातीय संस्कृति, भाषा, परंपरा और प्रशासन की रक्षा के लिए यह स्वायत्तता दी जाती है.

जब किसी क्षेत्र को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची (6th Schedule) के तहत शामिल किया जाता है, तो उस क्षेत्र को स्वायत्त शासन (autonomous governance) की विशेष शक्तियां और अधिकार मिल जाते हैं.

  1. स्वायत्त जिला परिषद (Autonomous District Council – ADC) की स्थापना- इन परिषदों को एक छोटे “सरकार जैसे” ढांचे की तरह माना जाता है.
  2. वे स्थानीय जनजातीय समुदायों का प्रतिनिधित्व करती हैं.
  3. कानून बनाने की शक्ति (Legislative Powers):
See also  व्योमिका सिंह की जाति पर रामगोपाल की टिप्पणी, कहीं अखिलेश के मिशन दलित पर न लग जाए ग्रहण?

ADCs कुछ मामलों पर अपने कानून खुद बना सकती हैं:

  1. भूमि का स्वामित्व और स्थानांतरण (land ownership & transfer)
  2. वन संसाधनों का प्रबंधन (forest management) (रिज़र्व फॉरेस्ट को छोड़कर)
  3. जल स्रोतों का नियंत्रण (water resources)
  4. जनजातीय रीति-रिवाज और पारंपरिक न्याय प्रणाली
  5. ग्रामीण प्रशासन
  6. विवाह, तलाक, उत्तराधिकार पर जनजातीय परंपरा अनुसार कानून

3. न्यायिक शक्ति (Judicial Powers):

  1. ADCs को स्थानीय स्तर पर “जनजातीय अदालतें” या “Village Courts” स्थापित करने का अधिकार होता है.

कार्यपालिका शक्तियां (Executive Powers):

ADCs को अपने क्षेत्र में:

  1. शिक्षा
  2. स्वास्थ्य
  3. पीने के पानी
  4. गांव की योजनाएं जैसे मामलों में फैसले लेने का अधिकार होता है.

वित्तीय शक्तियां (Financial Powers):

  1. ADCs को टैक्स, फीस, टोल लगाने और वसूलने का अधिकार होता है:

6th Schedule का मकसद

आदिवासी समाज को संवैधानिक संरक्षण देना. उन्हें अपनी पहचान बनाए रखने की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्वायत्तता देना. उनकी जमीन, रीति-रिवाज और शासन प्रणाली की रक्षा करना.

किन क्षेत्रों में लागू है, छठी सूची फिलहाल चार पूर्वोत्तर राज्यों में लागू है:

  1. असम
  2. मेघालय
  3. त्रिपुरा
  4. मिजोरम

छठी सूची में शामिल करने की क्यों उठ रही मांग?

लद्दाख को 6th Schedule में शामिल करने की मांग इसलिए उठ रही है क्योंकि लद्दाख में अधिकतर बौद्ध और जनजातीय आबादी है (जैसे लद्दाखी, बाल्ती, शिया-कारगिली, बोडो लोग)

जम्मू-कश्मीर से अलग होने के बाद लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना, लेकिन वहां विधानसभा नहीं है. जिससे स्थानीय लोग खुद को राजनीतिक रूप से वंचित मानते हैं. पर्यावरण, संस्कृति और जनसंख्या संतुलन को बचाने के लिए स्वायत्तता की मांग की जा रही है. इसी के चलते छठी अनुसूची की मांग उठ रही है.

See also  Announcement of increase in salary, state gove

क्या हैं प्रमुख मांग?

  1. लद्दाख को छठी सूची के तहत संरक्षण दिया जाए, जिससे स्थानीय लोगों को जमीन, संस्कृति और प्रशासन में अधिक अधिकार मिलें. यहां के लोगों का कहना है कि संवैधानिक सुरक्षा न मिलने से यहां के ज़मीन, रोज़गार, पर्यावरण की सुरक्षा और सांस्कृतिक पहचान सब पर असुरक्षा की भावना घर कर गई है. यही वजह है कि 2019 में तत्कालीन राज्य जम्मू और कश्मीर में संवैधानिक बदलाव के बाद से क्षेत्र के प्रतिनिधि लगातार केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को बार-बार छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाते आ रहे हैं.

केंद्र सरकार की क्या है स्थिति?

गृह मंत्रालय ने इस पर एक हाई पावर कमेटी बनाई है. केंद्र सरकार अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है. लद्दाख के नेता लगातार संविधान के अनुच्छेद 244 और 275 के तहत 6th Schedule की मांग कर रहे हैं.

कांग्रेस ने पीएम को लिखा पत्र

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को पत्र लिखा. उन्होंने पत्र में केंद्र से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए एक विधेयक लाने के लिए कहा. इसमें कहा गया है, यह लद्दाख के लोगों की सांस्कृतिक, विकास और राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक अहम कदम होगा, साथ ही उनके अधिकारों, भूमि और पहचान की रक्षा भी करेगा.

एलजी ने भी किया स्पोर्ट

इस मांग को लेकर एलजी कविंदर गुप्ता ने कहा, ये स्वाभाविक है. 6 शेड्यूल में शामिल होने की मांग स्वाभाविक है. साथ ही उन्होंने कहा, हम लद्दाख में भी विकास की स्पीड को तेज करेंगे. हमें बस लोगों के साथ बैठकर बात करनी है और उन्हें समझाना है. मेरा मानना है कि बातचीत से ही चीजें सुलझती हैं. केंद्र सरकार ने हाल ही में लद्दाख के जनप्रतिनिधियों से उनकी मांगों पर बात की है.

See also  Holi 2023 : 6 मार्च को होगा होलिका दहन, 8 मार्च को खेली जाएगी होली - डॉ. इंदुभवानंद - Achchhi Khabar, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL