
बिहार में SIR की प्रक्रिया
बिहार में नई वोटर लिस्ट से ही आगामी विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. इसमें किसी भी योग्य वोटर का नाम नहीं काटा जाएगा जो लोग बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल समेत अन्य किसी देश के हैं. उनके नाम वोटर लिस्ट में जोड़े नहीं जाएंगे. आयोग सूत्रों ने बताया कि उनके एक लाख से अधिक बीएलओ जो बिहार में घर-घर जाकर एनुमरेशन फॉर्म बांट रहे थे. उनमें से कई जगह उनके सामने ऐसे मामले सामने आए. जहां लोगों ने एनुमरेशन फॉर्म के साथ दस्तावेज लगाने की बात तो दूर अपना फोटो और साइन करने से ही मना कर दिया.
इनके विदेशी नागरिक होने का शक जताया गया. ऐसे मामलों की रिपोर्ट बीएलओ ने ईआरओ से की और ईआरओ ने डीएम से. इसके बाद फिर ऐसे मामलों की जांच की गई तो कितने ही मामले बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के नागरिक होने के निकले. आयोग ने जून में जारी किए गए निर्देश में सभी राज्यों के CEO को आदेश दिया है कि वह एसआईआर की तैयारी करें और लगातार यह प्रक्रिया राज्य दर राज्य जारी रहेगी.
आयोग सूत्रों का कहना है कि असल में चुनाव आयोग संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत वोटर लिस्ट को नई बनाने का काम कर रहा है. जिसमें वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए भारतीय नागरिक और व्यस्क होना जरूरी है. जो कोर्ट द्वारा अमान्य घोषित ना हो. चुनाव आयोग किसी को ना तो नागरिकता दे सकता है और ना ही किसी की नागरिकता छीन सकता है. यह काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का है.
नहीं कटेगा योग्य वोटर का नाम
आयोग को केवल वोटर लिस्ट को शुद्ध करने का अधिकार है. जो वह संविधान के आर्टिकल-326 के तहत कर रहा है. इसमें एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है. चुनाव आयोग के सूत्रों ने दावा किया है कि बिहार में एक भी योग्य (भारतीय) वोटर का नाम वोटर लिस्ट से नहीं कटेगा. मौजूदा 7.89 करोड़ वोटरों वाली वोटर लिस्ट से 35 लाख 66 हजार से अधिक नाम कटेंगे. लेकिन यह वोटर वह हैं, जिनमें से 1.59 फीसदी मर चुके हैं, 2.20 स्थायी रूप से बिहार से दूसरी जगहों पर शिफ्ट हो चुके हैं और 0.73 फीसदी वोटरों ने बिहार में ही एक से अधिक वोटर कार्ड बनवा रखे हैं. ऐसे वोटरों की संख्या अभी तक 35 लाख 69 हजार 435 निकली है. जबकि काम पूरा नहीं हुआ है.
इनमें से अभी कुछ और वोटर के नाम कट सकते हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने दावा करते हुए यह भरोसा जताया है कि एक भी भारतीय वोटर का नाम बिहार की वोटर लिस्ट से नहीं काटा जाएगा. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि वह बिहार के सभी पात्र मतदाताओं को इस बात के लिए धन्यवाद देते हैं कि वह मतदाता सूची के आवश्यक संशोधन में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं.
अब तक 88.65% मतदाताओं के फॉर्म जमा
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार के मतदाताओं के सहयोग पर आभार जताया है और कहा है कि राज्य के मतदाताओं ने एसआईआर प्रक्रिया में उल्लेखनीय सहयोग दिया है चुनाव आयोग के मुताबिक़ बिहार में वोटर लिस्ट सुधार अभियान अंतिम चरण में है. चुनाव आयोग के अनुसार अब तक 88.65% मतदाताओं ने फॉर्म जमा कर दिए हैं. 35.6 लाख फर्जी या डुप्लीकेट वोटर की पहचान हुई है. आयोग ने 17 जुलाई से पार्टियों को डेटा सत्यापन के लिए सौंपने की योजना बनाई है. आइए जानते हैं कि इस प्रक्रिया में अबतक क्या-क्या हुआ है. साथ ही ये भी समझेंगे कि ये अभियान कहां तक पहुंचा है.
विपक्षी दल लगातार उठा रहे SIR पर सवाल
बिहार की बन रही नई वोटर लिस्ट को लेकर विपक्षी राजनीतिक दल लगातार चुनाव आयोग पर लगातार निशाना साधते हुए कई तरह के आरोप लगा रहा है. इनमें क्या गरीब, मजदूर और किसानों के वोट काट दिए जाएंगे? अगर किसी भारतीय का वोट कट गया तो क्या होगा? बिहार से ही पहले क्यों शुरू किया स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)? चुनाव आयोग बैक डोर से एनआरसी लागू कर रहा है? इससे पहले क्यों नहीं किया इस तरह का रिवीजन? वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे? आधार, वोटर कार्ड और राशन कार्ड को भी मान्यता मिलेगी या नहीं? इस तरह की तमाम आशंकाओं और सवालों का जवाब चुनाव आयोग के अधिकारियों ने डिटेल में दिया है.
[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X
Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login