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बारिश के मौसम में बढ़ जाते हैं वायरल, डेंगू और टाइफाइड के मामले, तीनों के लक्षण में क्या है अंतर?

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Jul 13, 2025    150814 views     Online Now 274
बारिश के मौसम में बढ़ जाते हैं वायरल, डेंगू और टाइफाइड के मामले, तीनों के लक्षण में क्या है अंतर?

बारिश में वायरल बुखार के लक्षणImage Credit source: Getty Images

Viral Fever Treatment at Home : बारिश का मौसम जितना सुकून देता है, उतनी ही आसानी से बीमारियां भी साथ लेकर आता है. खासकर वायरल फीवर, डेंगू और टाइफाइड जैसे संक्रमण इस समय तेजी से फैलते हैं. वजह है जमा हुआ पानी, मच्छरों का बढ़ना और खाने-पीने की चीज़ों में गंदगी का मिलना. इन तीनों बीमारियों में अक्सर बुखार आम लक्षण होता है, लेकिन बाकी लक्षणों में फर्क होता है, जिसे पहचानना जरूरी है ताकि सही समय पर इलाज हो सके.

मानसून का मौसम एक तरफ जहां राहत और ठंडक लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है. खासकर वायरल फीवर, डेंगू और टाइफाइड जैसी बीमारियां इस मौसम में आम हो जाती हैं. इसकी वजह है जगह-जगह जमा पानी, बढ़ती नमी और साफ-सफाई में कमी. ऐसे हालात में वायरस और बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं और मच्छर भी पनपने लगते हैं. नतीजा ये होता है कि बुखार की शिकायत तेजी से बढ़ जाती है.

क्या होता है वायरल फीवर

वायरल फीवर सबसे आम बीमारी है जो मानसून में देखने को मिलती है. इसमें हल्का या तेज बुखार, गले में खराश, नाक बहना या बंद होना, बदन दर्द और थकावट जैसे लक्षण होते हैं. कई बार सिरदर्द और हल्की खांसी भी हो सकती है. वायरल फीवर आमतौर पर 3 से 5 दिन में ठीक हो जाता है. मरीज को आराम, गरम पानी और डॉक्टर की सलाह से हल्की दवाएं लेने की जरूरत होती है.

डेंगू एक वायरल बीमारी

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डेंगू एक वायरल बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है. यह बीमारी बारिश के बाद ज्यादा फैलती है क्योंकि इस समय जगह-जगह पानी जमा होता है, जहां मच्छर अंडे देते हैं. डेंगू में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द, उल्टी और शरीर पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखते हैं. डेंगू में सबसे खतरनाक बात होती है प्लेटलेट्स का गिरना, जिससे शरीर में कमजोरी और खून बहने का खतरा होता है. इसलिए समय पर जांच और इलाज जरूरी होता है.

टाइफाइड एक बैक्टीरियल संक्रमण

टाइफाइड एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो संक्रमित पानी या खाने से फैलता है. इसमें बुखार धीरे-धीरे बढ़ता है और लंबे समय तक बना रहता है. इसके साथ कमजोरी, थकान, भूख न लगना, पेट दर्द, कब्ज या दस्त और सिरदर्द जैसे लक्षण नजर आते हैं. टाइफाइड का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है जो डॉक्टर की सलाह से ही लेनी चाहिए.

कैसे बचें इन बीमारियों से?

इन बीमारियों से बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना सबसे जरूरी है. पीने का पानी उबालकर या फिल्टर करके पीना चाहिए. बारिश में बाहर का खाना, खासकर कटे फल या खुला खाना खाने से बचना चाहिए. मच्छरों से बचाव के लिए क्रीम, मच्छरदानी और फुल स्लीव कपड़े पहनना जरूरी है. घर और आसपास पानी जमा न होने दें.

अगर बुखार आए तो खुद से दवाइयां न लें, बल्कि डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं. तीनों बीमारियों में बुखार एक आम लक्षण है, लेकिन इलाज का तरीका अलग होता है. समय पर पहचान और सही इलाज से इन बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है.

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