जब से डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभाली है. तब से डॉलर के मुकाबले रुपए का लेवल 85 न्यू नॉर्मल जैसा लग रहा है. पिछले साल कहा ये भी गया था कि मार्च 2025 तक एक डॉलर की कीमत 90 रुपए के पार चली जाएगी. लेकिन रुपए ने वापसी की और एक बार फिर से 85 के लेवल पर बीते कुछ दिनों से घूम रहा है. अब जब टैरिफ का माहौल चल रहा है. जियो पॉलिटिकल टेंशन भी कम हुई है. कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर से नीचे देखने को मिल रही है. क्या रुपए में डॉलर के मुकाबले में और गिरावट देखने को मिलेगी? सबसे अहम सवाल ये है कि क्या एक डॉलर की कीमत 100 रुपए तक पहुंच पाएगी, अगर हां तो ये लेवल कब तक देखने को मिल सकता है. इस पूरे मुद्दे पर टीवी 9 डिजिटल की Ya Wealth Global Research के डायरेक्टर अनुज गुप्ता से विस्तार से बातचीत हुई. आइए आपको भी गताते हैं कि आखिर ऐसा मुमकिन भी है या नहीं.
क्या एक डॉलर 100 रुपए पर जाएगा?
Ya Wealth Global Research के डायरेक्टर अनुज गुप्ता ने कहा कि भारत का इकोनॉमिक आउटलुक काफी पॉजिटिव है और आने वाले सालों में मजबूत ग्रोथ का अनुमान है. देश का लक्ष्य 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है. इस विकास को बनाए रखना लक्षित सुधारों, निजी निवेश में वृद्धि और इनोवेशन को बढ़ावा देने पर निर्भर करेगा. खासकर तब जब ग्लोबल इकोनॉमी में काफी अनिश्चितताएं देखने को मिल रही हैं. भारत कनेक्टिविटी, आर्थिक साझेदारी, सुरक्षा सहयोग और सांस्कृतिक तथा लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर अपने पड़ोसियों के साथ मजबूत, अधिक स्थिर और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है.
वहीं उन्होंने कहा कि यह कहना बहुत मुश्किल है कि रुपया 100 के लेवल को छू पाएगा या नहीं, लेकिन आने वाले सालों में 1 डॉलर के 100 रुपए के लेवल तक पहुंच पाना काफी मुश्किल लग रहा है. कुछ समय पहले तक ऐसा होना नामुकिन सा लगता है, लेकिन जब से डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप दोबारा सत्ता में लैटे हैं तब से ऐसा मुमकिन होना लग रहा है. वहीं कुछ तकनीकी संभावनाएं और राजनीतिक घटनाएं भी इसे संभव बना सकती हैं.
फेड और टीम ट्रंप वर्सेज टीम इंडिया
- 2024 के अमेरिकी चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ वैश्विक अनिश्चितता फिर से बढ़ रही है. अपने पिछले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने स्थानीय व्यवसायों की सुरक्षा, टैक्स कटौती और डॉलर पर विशेष ध्यान केंद्रित करने वाली पॉलिसी अपनाई थीं, जो मूल रूप से अमेरिकी डॉलर की मांग को फिर से बढ़ा सकती हैं.
- फेडरल रिजर्व, जिसे फेड के नाम से भी जाना जाता है, ब्याज दरों को ऊंचा बनाए रखते हुए आक्रामक रुख अपनाए हुए है.
- अमेरिका में राजनीतिक अस्थिरता देखने को मिल रही है. ट्रंप के करीबी एलन मस्क ने बगावत करते हुए नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया है. जिसकी वजह से डॉलर में अस्थिरता पैदा हो सकती है. जिसका फायदा भारतीय रुपए को मिल सकता है.
- भारत में – तेल की कीमतें, बढ़ता व्यापार घाटा और विदेशी निवेश (एफआईआई) से संभावित निकासी रुपए पर दबाव डाल रही हैं. हालांकि भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट मज़बूत बनी हुई है, क्योंकि एग्री प्रोडक्शन में इजाफा देखने को मिल है और एग्री फार्मों की कीमतें एमएसपी से नीचे कारोबार कर रही हैं. यदि वैश्विक स्थिति डॉलर के पक्ष में हो तो यह रुपये को गिरने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं होगा.
क्या 82 के लेवल पर आएगा डॉलर?
अनुज गुप्ता ने डॉलर रुपया के मंथली चार्ट के हिसाब से बताया कि मौजूदा समय में चार्ट एक असेंडिंग ट्राइएंगल पैटर्न को दिखा रहा है, जो पहले ही टूट चुका है. लेकिन वर्तमान में कीमत 88 रुपए के आसपास गिरावट दिखा रही है और यह 82.38 रुपए के स्ट्रांग सपोर्ट लेवल पर वापस आ सकती है. उन्होंने कहा कि डॉलर आगे की बढ़त जारी रखने से पहले एक करेक्शन फेज में आ सकता है. यदि ग्लोबल मार्केट का विश्वास बढ़ता है और कच्चे तेल की कीमतें स्थिर होती हैं, तो रुपया शॉर्ट टर्म में तेज हो सकता है, लेकिन लेकिन जब तक डॉलर के मुकाबले में रुपया 82.38 से नीचे नहीं जाता तब तक लॉन्ग टर्म ट्रेंड डॉलर के पक्ष में बना रहेगा. व्यापारियों को इस लेवल पर बारीकी से नजर रखनी होगी, अगर यह मजबूत बना रहता है, तो तेजी का ट्रेंड का जारी रहेगा.
कब टूट सकता है 100 का लेवल?
अनुज गुप्ता ने एक और चार्ट सामने रखते हुए कहा कि यहां, ब्रेकआउट पहले ही हो चुका है और USD/INR एक तेजी का निरंतर पैटर्न बना रहा है. 88 के लेवल पर स्ट्रांग रसिस्टेंट है. अगर यह 88 के लेवल को पार कर जाता है और ऊपर बंद होता है, तो यह 91 के लेवल और फिर 96 से 100 के लेवल को भी पार कर सकता है. फिलहाल डॉलर-रुपया 82.38 महत्वपूर्ण सपोर्ट प्वाइंट है, उसके बाद 88-91 रुपया अगला रसिस्टेंस प्वाइंट है.
मौजूदा समय में किस लेवल पर डॉलर वर्सेज रुपया
शुक्रवार को इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 85.76 पर खुला और कारोबार के दौरान 85.91 के निचले स्तर पर पहुंच गया. अंत में रुपया 85.80 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 10 पैसे की गिरावट है. बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुरुआती बढ़त गंवाकर तीन पैसे की बढ़त के साथ 85.70 पर बंद हुआ था. वैसे बीते एक हफ्ते में रुपए में डॉलर के मुकाबले में 0.42 पैसे 0.36 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जबकि मौजूदा महीने या और साल में रुपया करीब फ्लैट ही रहा है.
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