
आजमगढ़ में अखिलेश यादव का नया आशियाना.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पूर्वांचल में अपनी सियासी जमीन को और मजबूत करने का बिगुल बजा दिया है. आजमगढ़ के अनवरगंज में 72 बिस्वा जमीन पर बना उनका नया कैंप आवास न केवल उनका निजी ठिकाना है, बल्कि पूर्वांचल की 117 विधानसभा सीटों पर सपा की पकड़ को अजेय बनाने की रणनीति का केंद्र बिंदु भी है. 3 जुलाई को इस भव्य आवास का उद्घाटन हवन-पूजन के साथ होगा. इसके बाद अखिलेश एक जनसभा को संबोधित करेंगे.
आजमगढ़ लंबे समय से समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है. 2014 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने यहां से लोकसभा चुनाव जीता था. 2019 में अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी. इसके बाद साल 2022 में इस सीट पर हु उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ने जीत दर्ज की थी. हालांकि, 2024 में सपा ने इस सीट पर फिर से जीत का परचम लहराया और अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव ने जीत दर्ज की.
आजमगढ़ को सपा अपनी परंपरागत सीट मानती है. अब अखिलेश का यहां स्थायी ठिकाना बनाना इस क्षेत्र में पार्टी की जड़ों को और गहरा करने की रणनीति का हिस्सा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने पूर्वांचल में शानदार प्रदर्शन करते हुए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कई सीटों पर करारी शिकस्त दी. आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, बलिया और अंबेडकरनगर जैसे जिलों में सपा का दबदबा पहले से ही कायम है.
गेम-चेंजर साबित हो सकता है अखिलेश का आशियाना
दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ गोरखपुर भले ही भाजपा का केंद्र रहा हो लेकिन पूर्वांचल के अन्य जिलों में उनकी पैठ उतनी मजबूत नहीं रही. 2024 के लोकसभा चुनावों में यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा की क्षेत्र में पकड़ कमजोर हुई है. ऐसे में अखिलेश का आजमगढ़ को सियासी केंद्र बनाना सपा के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है.
अखिलेश का आधुनिक आशियाना आजमगढ़ के अनवरगंज में 4,374 वर्ग मीटर (72 बिस्वा) जमीन पर फैला है. इसका निर्माण 2021 में शुरू हुआ था और अब यह पूरी तरह तैयार हो चुका है. इसकी सबसे खास बात इसकी रणनीतिक स्थिति है. यह आवास जिला मुख्यालय और मंदुरी हवाई अड्डे से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर है, जिससे अखिलेश को शहर और एयरपोर्ट तक आसानी से पहुंच मिलेगी.
ग्राउंड फ्लोर पर ऑफिस और मीटिंग हॉल
यह भवन आधुनिक और मॉड्यूलर डिजाइन का नमूना है. ग्राउंड फ्लोर पर ऑफिस और मीटिंग हॉल बनाए गए हैं, जो सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ रणनीतिक बैठकों के लिए हैं. पहली मंजिल पर रेजिडेंशियल एरिया है, जो अखिलेश के निजी उपयोग के लिए तैयार किया गया है. भवन परिसर में पर्याप्त खुला स्थान भी है, जहां छोटी-मोटी सभाओं को संबोधित किया जा सकता है. इसकी मॉनिटरिंग सपा सांसद धर्मेंद्र यादव और अन्य पार्टी पदाधिकारियों ने की है.
2027 के विधानसभा चुनावों में सपा का लक्ष्य उत्तर प्रदेश की सत्ता पर वापसी करना है. अखिलेश यादव पहले से ही लखनऊ से मध्यांचल और सैफई से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. मगर, पूर्वांचल, जो 117 विधानसभा सीटों के साथ राज्य की सियासत में निर्णायक भूमिका निभाता है, यहां बढ़िया कार्यालय न होने की दिक्कत सपा नेता और कार्यकर्ता महसूस कर रहे थे.
पूर्वांचल में नई ऊर्जा का संचार करेगा अखिलेश का कदम
आजमगढ़ में नया आवास बनाकर अखिलेश ने इस कमी को पूरा करने का फैसला किया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सपा के लिए पूर्वांचल में नई ऊर्जा का संचार करेगा. आजमगढ़ को सियासी मुख्यालय बनाने से न केवल सपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि यह क्षेत्र के मतदाताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित करने में भी मददगार होगा.
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