प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि सच्ची और श्रद्धापूर्ण पूजा-पाठ से कभी दुख नहीं बढ़ते, बल्कि वे कम होते हैं और जीवन में शांति व आनंद आता है. दुख बढ़ने का कारण पूजा-पाठ नहीं, बल्कि उसके पीछे की गलत भावनाएं, अधूरी समझ या अज्ञानता हो सकती है. प्रेमानंद महाराज के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति दिखावे के लिए, स्वार्थवश, या बिना समझे पूजा-पाठ करता है, तो उसे अपेक्षित फल नहीं मिलते और निराशा के कारण दुख बढ़ सकते हैं.
[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X
Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login