• Sat. Jul 5th, 2025

पैरों की नसों और हार्ट अटैक का कनेक्शन, क्या है पेरिफरल आर्टरी डिजीज?

ByCreator

Jul 1, 2025    150818 views     Online Now 210
पैरों की नसों और हार्ट अटैक का कनेक्शन, क्या है पेरिफरल आर्टरी डिजीज?

पैर की नसों और दिल के दौरे के बीच कनेक्शन: क्या है पेरिफरल आर्टरी डिजीज?Image Credit source: boonchai wedmakawand/Moment/Getty Images

आजकल दिल की बीमारियां और हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं. क्या आप जानते हैं कि पैरों की नसों की सेहत दिल के स्वास्थ्य से काफी हद तक जुड़ी होती है यानी अगर पैरों की नसों में ब्लॉकेज या खराबी आए, तो हार्ट अटैक या दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है. इस स्थिति को मेडिकल की भाषा में परिधीय धमनी रोग यानी Peripheral Artery Disease या PAD कहते हैं.

पेरिफरल आर्टरी डिजीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पैरों की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल या फैट जमा हो जाता है, जिससे खून के प्रवाह में दिक्कत आती है और जब पैरों की नसें ब्लॉक हो जाती हैं, तो ऑक्सीजन और पोषक तत्व सभी अंगों तक सही मात्रा में नहीं पहुंच पाते. ये हालात केवल पैरों तक ही सीमित नहीं रहते, बल्कि शरीर की दूसरी धमनियों यानी आर्टरी में भी ब्लॉकेज की आशंका बढ़ जाती है. जिसकी वजह से हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

पेरिफरल आर्टरी डिजीज के लक्षण क्या होते हैं

राजीव गांधी अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग में एसोसिट प्रोफेसर डॉ अजीत जैन बताते हैं किपेरिफरल आर्टरी डिजीज के लक्षण अक्सर बेहद हल्के होते हैं, जिन्हें अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं. अक्सर पेरिफरल आर्टरी डिजीज में मरीज को चलने या सीढ़ी चढ़ने पर पैरों में दर्द या ऐंठन होती है, जो अक्सर आराम करने पर ठीक हो जाती है. इसके अलावा पैरों, टखनों या पंजों में सूजन भी हो सकती है. कुछ मरीजों के पैरों में ठंडक भी महसूस हो सकती है या पैरों का नीला या हल्का बैंगनी हो सकता है. कभी-कभी पैर सुन्न भी हो सकते हैं. पैरों की त्वचा सूखी, खुरदुरी या नाखून मोटे और पीले भी हो सकते हैं. अगर ऐसे संकेत मिलते हैं, तो इन्हें बिलकुल भी अनदेखना न करते हुए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

See also  PM मोदी के दौरे से पहले रूस में हिंदू मंदिर बनाने की मांग, पुतिन को लिखा पत्र | Indians written letter to Russian President Putin demanding temple land in moscow

पैरों की नसों में ब्लॉकेज का हार्ट अटैक से संबंध?

पैरों की नसों में ब्लॉकेज अक्सर इस बात का संकेत होता है कि शरीर की दूसरी धमनियों में भी ब्लॉकेज बन सकता है. अगर ये प्रक्रिया दिल की धमनियों में भी जारी रहती है, तो हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ सकता है. अक्सर पेरिफरल आर्टरी डिजीज वाले मरीजों में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा दूसरे लोगों की तुलना में कई गुना ज्यादा होता है.

क्यों होती है पेरिफरल आर्टरी डिजीज?

मोटापा, शारीरिक गतिविधि का कम होना, कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या धूम्रपान जैसी वजहों से पेरिफरल आर्टरी डिजीज का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा अगर किसी शख्स के परिवार में हार्ट से संबंधित समस्याएं रही हैं, तो उसमें भी हार्ट संबंधी समस्या होने की आशंका ज्यादा रहती है.

कैसे करें बचाव?

नियमित रूप से व्यायाम, योग करना अच्छा होता है, क्योंकि इससे हार्ट भी स्वस्थ रहता है और वजन भी नियंत्रित रहता है. इसके अलावा भोजन में सभी पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए. धूम्रपान या शराब का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए.

नियमित रूप से ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए.

पैरों में कोई भी असामान्य लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लेनी चाहिए या दवा बदलनी चाहिए. साथ ही जरूरत पड़ने पर जांच भी करवानी चाहिए.

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

See also  मारुति की इस सस्ती 6 सीटर कार में भी मिलेंगे 6 एयरबैग, अब नहीं करना पड़ेगा सेफ्टी से समझौता
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

You missed

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL