
भारत के दिग्गज हॉकी खिलाड़ी ललित उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास लेने का फैसला किया है (फोटो -PTI)
भारत के दिग्गज हॉकी खिलाड़ी ललित उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास ले लिया है. वो टीम इंडिया के अहम खिलाड़ियों में से एक रहे हैं और उन्होंने टोक्यो और पेरिस ओलंपिक खेल में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. ललित ने 2014 वर्ल्ड कप में अपना डेब्यू किया था और भारतीय हॉकी में कई शानदार रिकॉर्ड्स बनाए हैं. बता दें, 2008 में ललित स्टिंग ऑपरेशन में भी फंसे थे लेकिन इसके बाद उन्होंने कमाल की वापसी की और कई उपलब्धि अपने नाम की.
टीम इंडिया के लिए दागे कुल 64 गोल
उत्तर प्रदेश के दूसरे ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने तीन हॉकी विश्व कप में भाग लिया. उनसे पहले, केवल अशोक ध्यानचंद ने चार वर्ल्ड कप में खेला था. उन्होंने वाराणसी के यूपी कॉलेज में कोच परमानंद मिश्रा के मार्गदर्शन में हॉकी खेलना शुरू किया. साल 2008 में जब ललित की उम्र सिर्फ 17 साल थी और उनका करियर नई शुरुआत ही कर रहा था, तभी एक अनचाहे विवाद ने उनके सफर को अचानक थाम दिया. एक टीवी चैनल के रिपोर्टर ने एक एजेंट बनकर भारतीय हॉकी महासंघ (IHF) के उस समय के सचिव के. जोथिकुमारन को एक प्रायोजन (स्पॉन्सरशिप) डील की पेशकश की, लेकिन शर्त ये रखी कि उनके पसंद के खिलाड़ी को भारतीय टीम में लिया जाए और इस चाल में ललित का नाम बतौर मोहरा इस्तेमाल किया गया.
ललित इस सौदेबाज़ी से पूरी तरह अनजान थे और इस घटना से इतने आहत हुए कि उन्होंने हॉकी छोड़ने का मन तक बना लिया था. लेकिन बाद में उन्होंने अपने इस फैसले से वापसी की. ललित उपाध्याय ने टीम इंडिया की ओर से 183 मैच खेले जिसमें उन्होंने 67 गोल किए. उन्होंने अपना अंतिम मैच टीम इंडिया की ओर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 15 जून को खेला था.
ललित ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए की घोषणा
ललित उपाध्याय ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अंतरराष्ट्रीय आयोजनों से संन्यास की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ‘यह यात्रा एक छोटे से गांव से शुरू हुई, जहां कम चीज़ें थी, लेकिन सपने बहुत बड़े थे. एक स्टिंग ऑपरेशन का सामना करने से लेकर ओलंपिक पोडियम पर खड़े होने तक, एक बार नहीं, बल्कि दो बार यह चुनौतियों, विकास और अविस्मरणीय गौरव से भरा रास्ता रहा है. 26 साल बाद अपने शहर से ओलंपियन बनना कुछ ऐसा है, जिसे मैं हमेशा अपने दिल पर संजोग के रखूंगा.”
Today, I announce my retirement from international hockey.It’s a tough moment, but one every athlete must face one day.It has been the greatest honour and pride of my life to represent our country 🇮🇳🙏Thank you for everything. 🙏 @HockeyIndiaLeag @TheHockeyIndia pic.twitter.com/OcryhKsYxQ
— Lalit Upadhyay (@lalithockey) June 22, 2025
ललित ने ओलंपिक के अलावा 2016 में एशियाई चैंपियन ट्रॉफी और 2017 में एशिया कप में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके अलावा उन्होंने कई अन्य प्रतियोगिताओं में भी पदक जीते जिनमें 2017 हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल में कांस्य, 2018 चैंपियंस ट्रॉफी में रजत, 2018 एशियाई खेलों में कांस्य और 2018 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में स्वर्ण पदक शामिल हैं. वो एफआईएच प्रो लीग 2021-22 में तीसरे स्थान पर रहने वाली और 2022 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे. भारतीय हॉकी में उनके योगदान के लिए ललित को 2021 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
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