• Thu. Jul 3rd, 2025

‘गांव वाले खुद रखवाले’… सुसाइड करने वालों की बचाते हैं जान, अब तक 300 लोगों को दी नई जिंदगी

ByCreator

Jun 20, 2025    150820 views     Online Now 217
'गांव वाले खुद रखवाले'... सुसाइड करने वालों की बचाते हैं जान, अब तक 300 लोगों को दी नई जिंदगी

लोगों की जान बचा रहे गांव वाले

तेलंगाना के निजामाबाद जिले में स्थित यमचा नाम का एक छोटा सा गांव है. यह गांव तो छोटा है लेकिन इस गांव में रहने वाले लोगों का दिल काफी बड़ा है. जो इस गांव के लोग करते हैं वह शायद किसी को बहुत काम न लगे लेकिन इनके लिए उस काम में बहुत सुकून मिलता है. यह सुकून भरा काम है लोगों की जानें बचाना. जी हां, इस गांव के लोग गोदावरी पर बने बसारा पुल पर खुदकुशी करने वालों को रोकने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं. पिछले 3 सालों में यह गांव करीब 300 लोगों को खुदकुशी से बचा चुका है.

हैदराबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर गोदावरी यमचा गांव के पास से गोदावरी नदी गुजरती है. यहां पर बसारा पुल बना हुआ है जो कि खुदकुशी करने के लिए एक हॉटस्पॉट है. यहां लगातार कई सालों सो लोगों की खुदकुशी करने की वारदातें भी सामने आती रही हैं. लेकिन, मात्र 1700 लोगों की आबादी वाले यमचा गांव के लोगों की समाज सेवा और अलर्टनेस की वजह से इस पुल पर होने वाले हादसों और खुदकुशी के आंकड़ों में भारी कमी देखी गई है.

नदी में कूदे बाप-बेटों को बचाया

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक बारिश के मौसम में जब नदी उफान पर होती है उस दौरान गांव के लोग विशेष रूप से पुल पर निगरानी बढ़ा देते हैं. चूंकि गांव के अधिकांश लोग कुशल तैराक हैं, इसलिए वे बहाव में फंसे लोगों को भी बचा लेते हैं. गांववासी लिंगैया बताते हैं कि “पिछले साल उन्होंने एक पिता और उसके दो बेटों को नदी में कूदने के बाद सुरक्षित बाहर निकाला था.” दूसरी घटना में एक महिला का कपड़ा पुल की लोहे की रॉड में फंस गया. महिला पुल के यहां हवा में झूलने लगी. मछुआरों ने उसकी चीख सुनकर उसे बचाया.

See also  Raja Raghuvanshi News Update: इस धारदार हथियार से हुई थी राजा रघुवंशी की हत्या, पुलिस को मिल गया बड़ा सबूत

20 लोगों की बचाई जान

गांव में कई लोग इस काम में लगातार लगे हैं. महिपाल भी इसी गांव में रहते हैं और बताते हैं कि उन्होंने अब तक करीब 20 लोगों को बचाया है. वे कहते हैं कि “अक्सर लोग पारिवारिक विवाद या कर्ज के कारण आत्महत्या का कदम उठाते हैं. रात के समय जब निगरानी नहीं होती तब कुछ लोग कूद जाते हैं. ऐसे में उनके शव नदी में बहते देखना बहुत दुखद होता है.”

यमचा के ही विनोद बताते हैं कि कई बार लोग आत्महत्या करने से पहले अपने परिवार को सूचना दे देते हैं. ऐसे में परिवार पुलिस को जानकारी देता है और उनकी फोटो और अन्य विवरण व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर कर दिए जाते हैं. गांव के लोगों का यह नेटवर्क नविपेट पुलिस स्टेशन से जुड़ा हुआ है जिससे समय पर सूचना मिलने पर तुरंत तलाश शुरू हो जाती है.

समाज सेवा की मिसाल

बहुत से लोग बाद में अपने बचावकर्ताओं का आभार भी जताते हैं. महाराष्ट्र की एक महिला ने तो अपनी शादी में यमचा के लोगों को विशेष रूप से बुलाया था. वहीं एक बुजुर्ग जो पारिवारिक विवाद के कारण आत्महत्या करना चाहते थे अब अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रहे हैं. हाल ही में उन्होंने अपने जीवन रक्षकों को भोजन पर बुलाया. यमचा गांव संवेदनशीलता और सामुदायिक सहयोग का प्रेरणादायक उदाहरण बन चुका है.

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

See also  चेन स्नेचिंग करने वाले 3 गिरफ्तार: नाबालिग भी शामिल, महंगे शौक पूरे करने के लिए देते थे वारदात को अंजाम
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL