
जनगणना, मुस्लिम और भाजपा.
2027 की जनगणना को लेकर देश की राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने जातीय जनगणना का समर्थन करते हुए मुस्लिम समाज से अपील की है कि वे जनगणना में अपनी सही जाति दर्ज कराएं. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के मुस्लिम धर्मावलंबियों से इस बार के जनगणना में अपनी जाति बताने की अपील को लेकर राजनीति तेज हो गई है. अब विपक्ष इसे एक सुनियोजित राजनीतिक चाल बता रहा है.
2027 में होने वाली जनगणना और जातिगत जनगणना की अधिसूचना जारी होने के बाद अब मुस्लिम समाज के पिछड़ी जातियों को लुभाने का दौर शुरू हो गया है.
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि इस बार के सेंसस में धर्म के अलावा जाति का कॉलम डालने से पिछड़े मुसलमान खासकर पसमांदा मुस्लिमों की दिशा और दशा दोनों बदल सकती हैं.
मुस्लिम बताएं अपनी जाति… बीजेपी की अपील
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुस्लिमों से अपील की कि जब भी जनगणना करने वाले उनके पास आएं तो वे अपनी जाति जनगणना करने वालों को बताएं. यह जातिगत जनगणना है, कोई धार्मिक नहीं. पसमांदा समाज की सही पहचान और स्थिति में बेहतरी तभी होगी जब हम सच बोलेंगे, न कि किसी मौलाना के बहकावे में आकर हम इस्लाम को ही जाति बता देंगे.
इसके साथ ही बीजेपी नेता जमाल सिद्दीकी ने तो यहां तक कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में भी एक भी पसमांदा प्रतिनिधि नहीं है. पार्टी अब इन बातों को लेकर भी पसमांदा समाज में जनजागरण करेगी.
जमाल सिद्दीकी के अपील का समर्थन करते हुए अन्य बीजेपी नेता इसे समावेशी विकास की पहल की ओर बढ़ता कदम बताया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि मुस्लिम समाज की अंदरूनी सामाजिक असमानताओं को पहचानने और उनके समाधान के लिए ये जातिगत जनगणना बेहद अहम होगी.
पसमांदा मुसलमानों पर बीजेपी की नजर
नकवी ने कहा कि भाजपा सदा कहती रही है कि वे सबका साथ और सबका विकास की बात कहती रही है. सालों से पसमांदा समाज हाशिए पर जीवन व्यतीत कर रहा है, इसकी वजह यह है कि उनकी सही संख्या कभी भी सामने आई ही नहीं है. यह जनगणना उन लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने की दिशा में बड़ा कदम है.
दरअसल इस बहस के केंद्र में पसमांदा मुसलमान हैं, जो जनसंख्या के लिहाज़ से मुस्लिम आबादी का करीब 85% हैं, लेकिन राजनीतिक और सामाजिक रूप से लगातार उपेक्षित रहे हैं. मुस्लिम संगठन इसे लेकर काफी सचेत हैं जो उनके बयानों में भी साफ दिखता है.
ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने बीजेपी अल्संख्यक मोर्चा द्वारा चलाए जा रहे कैंपेन को सही करार दिया और कहा मुसलमानों को बढ़-चढ़कर इसमें अपनी जाति बताना चाहिए. जबकि ऑल इंडियन इमाम काउंसिल के तरफ से मुसलमानों में जाति जनगणना को बढ़ावा देने का खुलकर विरोध किया है.
बहरहाल इस मुद्दे को लेकर बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा समाज में जमीनी स्तर पर जनजागरण चलाने की रणनीति बनाई है लेकिन जैसे जैसे ये अवेयरनेस कैंपेन आगे बढ़ेगा वैसे ही इस पर राजनीति भी तेज होगी.
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