
फिर 1 लाख के पार पहुंचा गोल्ड
ईरान-इजराइल वॉर के बीच जहां गोल्ड की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर चांदी भी रिकॉर्ड बना रही है. बुधवार को लगातार दूसरे दिन चांदी ने कीमतों का नया रिकॉर्ड कायम कर दिया. जानकारों की मानें तो जियो पॉलिटिकल टेंशन की वजह से गोल्ड और सिल्वर कीर कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है. आने वाले दिनों में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी रह सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश की राजधानी दिल्ली में गोल्ड और सिल्वर की कीमतें कितनी हो गई हैं?
रिकॉर्ड लेवल पर चांदी
इजराइल-ईरान संघर्ष के छठे दिन भी जारी रहने के बीच निवेशकों का सेफ हैवन असेट्स में झुकाव लगातार बढ़ रहा है. जिसकी वजह से बुधवार को देश की राजधानी दिल्ली में चांदी की कीमत 1,000 रुपए बढ़कर 1,08,200 रुपए प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जबकि सोना 540 रुपए बढ़कर एक लाख रुपए प्रति 10 ग्राम से ऊपर रहा. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार मंगलवार को पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 1,07,200 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. शुक्रवार को चांदी ने 1,08,100 रुपए प्रति किलोग्राम के अपने पिछले सर्वकालिक उच्चस्तर को फिर से छुआ.
गोल्ड की कीमतों में भी इजाफा
मेहता इक्विटीज के उपाध्यक्ष (कमोडिटी) राहुल कलंत्री ने कहा कि चांदी की कीमतों में तेजी जारी रही और फरवरी, 2012 के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 37 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गई. रुपए में कमजोरी से घरेलू बाजारों में सर्राफा कीमतों को समर्थन मिल रहा है. सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना बुधवार को 540 रुपए बढ़कर 1,00,710 रुपए प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गया. ग्लोबल लेवल पर हाजिर सोना 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,380.97 डॉलर प्रति औंस पर रहा. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर चांदी 0.15 प्रतिशत बढ़कर 37.18 डॉलर प्रति औंस हो गई.
क्या कहते हैं जानकार?
कोटक सिक्योरिटीज के अनुसार, पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव पर व्यापारियों का ध्यान केंद्रित होने के कारण डॉलर में मजबूती आने से सोने की कीमतें 3,400 डॉलर प्रति औंस से नीचे बनी हुई हैं. इस ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के बिना शर्त आत्मसमर्पण करने के आह्वान और ईरानी नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ संभावित हमलों की चर्चाओं ने संघर्ष में अमेरिका की प्रत्यक्ष भागीदारी की आशंकाओं को बढ़ा दिया है, जिससे निवेशकों के बीच सुरक्षित निवेश वाली परिसंपत्तियों की मांग बढ़ गई है. आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के एवीपी (जिंस एवं मुद्रा) मनीष शर्मा ने कहा कि बाजार प्रतिभागी निकट भविष्य में सतर्कतापूर्वक तेजी का रुख अपनाए हुए हैं, क्योंकि उन्हें आज रात होने वाली अमेरिकी एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक से और अधिक संकेतों का इंतजार है.
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