आज के समय में तेजी से बदलती जीवनशैली, तनाव, अनियमित खानपान और शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण कई कपल्स इनफर्टिलिटी (बांझपन) की समस्या से जूझ रहे हैं. मेडिकल साइंस में इसका इलाज मौजूद है, लेकिन कई लोग प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपायों की तरफ जाते हैं . पतंजलि आयुर्वेद ने भी इस दिशा में कई कारगर दवाएं और उपाय बताए हैं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के इस समस्या को जड़ से खत्म करने में मदद कर सकती हैं. पतंजलि शोध संस्थान हरिद्वार ने बांझपन के इलाज पर रिसर्च भी की है. जिसमें कुछ दवाओं को इसमें फायदेमंद बताया गया है. दवाओं की जानकारी से पहले जान लेते हैं कि बांझपन का कारण क्या है.
इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं.जैसे हार्मोनल असंतुलन एक मुख्य समस्या होती है. महिलाओं में अनियमित पीरियड्स या पीसीओडी की समस्या अधिक होती है. इसकी वजह से बांझपन होने की समस्या बढ़ सकती है. महिला और पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या में कमी होने लगती है. अत्यधिक तनाव और डिप्रेशन भी इसका एक कारण हो सकता है.मोटापा या बहुत कम वजन होना भी इसका कारण हो सकता है. थायरॉइड या डायबिटीज जैसी बीमारियां, नशा करना जैसे स्मोकिंग, शराब पीना और बढ़ती उम्र इसका भी एक बड़ा कारण हो सकता हैं.
पतंजलि की दवाएं फायदमेंद
पतंजलि की रिसर्च में पता चला है कि अश्वगंधा चूर्ण बांझपन के इलाज में फायदेमंद हो सकता है.अश्वगंधा पुरुषों में शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या बढ़ाने में मदद करता है. महिलाओं के लिए भी यह ओवुलेशन को रेगुलर करता है.
शतावरी चूर्ण
शतावरी महिलाओं के लिए वरदान मानी जाती है. यह गर्भधारण की संभावना को बढ़ाती है और यूट्रस को मजबूत बनाती है. हार्मोनल असंतुलन को भी नियंत्रित करती है.
दिव्य पुष्पांजलि क्वाथ
यह विशेष प्रकार का काढ़ा महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है.
दिव्य चंद्रप्रभा वटी
यह दवा पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए फायदेमंद है. यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर शारीरिक कमजोरी को दूर करती है.
दिव्य यौवनामृत वटी
यह विशेष रूप से पुरुषों की इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं जैसे शुक्राणुओं की कमी और कमजोरी को दूर करती है.
पतंजलि के विशेष सुझाव
पतंजलि केवल दवाओं पर ही नहीं, बल्कि जीवनशैली में बदलाव पर भी जोर देती है. स्वामी रामदेव खुद बताते हैं कि बांझपन दूर करने के लिए नियमित योग और प्राणायाम बेहद जरूरी है. खासकर कपालभाति, अनुलोम-विलोम और भस्त्रिका जैसे प्राणायाम प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. इसके अलावा सही खानपान अपनाएं हरी सब्जियां, मौसमी फल, सूखे मेवे घी और दूध को डाइट में शामिल करें.तली-भुनी चीजें, जंक फूड और अधिक मसालेदार भोजन से बचें. अधिक पानी पिएं और शरीर को डिटॉक्स करें.
डॉक्टर से सलाह जरूर लें
हालांकि पतंजलि की दवाएं प्राकृतिक होती हैं, लेकिन किसी भी दवा को शुरू करने से पहले आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए, ताकि आपकी समस्या के अनुसार सही इलाज मिल सके.
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