
अब खड़ा होगा नया हमास
गाजा में चल रहे युद्ध और इजराइल के लगातार हमलों के बीच हमास के भविष्य को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. खासतौर पर तब, जब हमास के सबसे ताकतवर नेता याह्या सिनवार और उनके करीबी कमांडरों की मौत की खबरें सामने आई हैं. ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या हमास फिर से खुद को खड़ा कर पाएगा और अगला नेतृत्व किसके हाथ में होगा?
सिनवार भाइयों और शबाना की मौत के बाद गाजा ब्रिगेड कमांडर इज़ अल दीन अल हद्दाद, जिसे अबू सुहैब के नाम से जाना जाता है, अब हमास का सबसे मजबूत चेहरा बनकर उभरा है. अबू सुहैब कोई नया नाम नहीं है. वह 1987 से हमास के साथ जुड़ा हुआ है, जब इस संगठन ने खुद को एक इस्लामिक आंदोलन के रूप में घोषित किया था. अबू सुहैब की छवि एक प्रतिबद्ध और कट्टरपंथी नेता के रूप में मानी जाती है, जिसने हमास के अंदर बड़ी पकड़ बना रखी है.
हमास के भविष्य पर मंडराते खतरे
इजराइल की आक्रामक रणनीति ने हमास को लगातार कमजोर किया है. गाजा पर चल रहे हमलों में संगठन के कई टॉप कमांडर मारे जा चुके हैं. हर कमांडर के नुकसान से हमास की सैन्य और रणनीतिक क्षमता घटती जा रही है. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या हमास अब गाजा पर नियंत्रण बनाए रख पाएगा? और अगर नहीं, तो गाजा की सत्ता किसके हाथ में जाएगी?
नई लीडरशिप का एलान क्यों नहीं?
अब तक हमास ने आधिकारिक तौर पर अपने किसी नए सर्वोच्च नेता की घोषणा नहीं की है. इसका कारण है इजराइल की टारगेट किलिंग नीति. जैसे ही कोई बड़ा चेहरा सामने आता है, इजराइल की ओर से उस पर मिसाइल हमला कर दिया जाता है. इसी खतरे के चलते हमास अपनी लीडरशिप को गोपनीय रख रहा है. रिपोर्टों के अनुसार, संगठन की लीडरशिप फिलहाल भूमिगत है और सिर्फ जरूरत पड़ने पर रणनीतिक फैसले सामने लाए जाते हैं.
क्या फिर से खड़ा हो सकता है हमास?
इतिहास बताता है कि हमास पहले भी कई बार हार के बाद फिर से खड़ा हुआ है. 2009, 2014 और 2021 के संघर्षों के बाद भी हमास ने खुद को गाजा की सत्ता में बनाए रखा. अगर मौजूदा युद्ध के बाद हमास किसी तरह फिर से सत्ता में आने में सफल होता है, तो संभव है कि वह नए सिरे से नेतृत्व चुनेगा और दुबारा ताकत के साथ सामने आएगा. अबू सुहैब इस नई लीडरशिप के अहम स्तंभ हो सकते हैं.
इजराइल-गाजा संघर्ष की अगली कहानी
फिलहाल गाजा में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. इजराइल हमास की जड़ों को खत्म करने की कोशिश में है, जबकि हमास किसी भी तरह अपने अस्तित्व को बचाने की जंग लड़ रहा है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अबू सुहैब जैसे नेता इस संघर्ष में किस तरह की भूमिका निभाते हैं और क्या वह हमास को एक बार फिर से खड़ा कर पाने में सफल होते हैं या नहीं.
इस पूरे संघर्ष का अंत भले ही अभी नज़र न आ रहा हो, लेकिन गाजा में हर दिन एक नई कहानी लिखी जा रही है. एक कहानी जो सिर्फ गोलियों और मिसाइलों की नहीं, बल्कि नेतृत्व, अस्तित्व और भविष्य की भी है.
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