
भारत के सामने मुंह पर मुकर गया पाक का पक्का दोस्त इजिप्ट.
पाकिस्तान का वर्षों से भरोसेमंद साथी रहा इजिप्ट अब कूटनीतिक मंच पर अपनी चालें बदलता दिख रहा है. कुछ ही दिन पहले तक इजिप्ट ने भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई पर सवाल उठाए थे और परोक्ष रूप से पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा नजर आ रहा था. लेकिन जैसे ही भारत का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल काहिरा पहुंचा, वहां की सरकार ने सुर ही बदल लिए. अब वही इजिप्ट आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति की तारीफ कर रहा है और कह रहा है कि हम भी बताएंगे आतंकवादियों को कैसे मारा जाता है.
भारत के एक उच्चस्तरीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की इजिप्ट यात्रा के दौरान वहां के विदेश मंत्री बद्र अब्देल-आती ने मुलाकात की. इस मुलाकात में इजिप्ट ने भारत के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की बात कही. खास बात यह रही कि जहां पहले इजिप्ट, पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाता था, अब वही भारत की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की सराहना करने लगा.
कश्मीर पर क्या रुख अपना रहा था इजिप्ट?
इजिप्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को हर क्षेत्र में मजबूत करना चाहता है. उन्होंने रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने और दोनों देशों के बीच संसदीय स्तर पर भी स्थायी संवाद शुरू करने की बात कही. यह वही इजिप्ट है जो पिछले वर्षों में कश्मीर मुद्दे पर भारत की कार्रवाई से दूरी बनाकर चलता था.
इस मुलाकात में सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि इजिप्ट ने भारत के उस दर्द को समझा, जो 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद झेला गया. इजिप्ट के राष्ट्रपति ने खुद प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर संवेदना जताई. साथ ही, इजिप्ट के विदेश मंत्री ने भी अपने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों का समर्थन किया.
अब पाक के खिलाफ हुआ इजिप्ट
अब इजिप्ट भारत को अपने दशकों के आतंकवाद विरोधी अनुभव की सीख देने की बात कर रहा है. मंत्री अब्देल-आती ने कहा कि इजिप्ट ने वर्षों तक आतंकवाद से लड़ा है और उसे खत्म करने के तरीके जानता है. उनका यह रुख, भारत के सामने खुद को आतंकवाद के खिलाफ खड़े एक सच्चे सहयोगी के रूप में पेश करने की कोशिश मानी जा रही है.
इसी दौरान इजिप्ट ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने की अपील भी की. लेकिन यह अपील दोतरफा नहीं थी. इजिप्ट ने पहली बार सीधे तौर पर यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान को भी अपने रुख पर पुनर्विचार करना चाहिए और बातचीत के जरिए समाधान खोजना चाहिए. यह वही देश है जो पहले पाकिस्तान की हर स्थिति में खुलकर वकालत करता था.
भारत की बढ़ती साख
इस घटनाक्रम से यह साफ है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की साख और प्रभाव बढ़ा है. पाकिस्तान के सबसे पुराने सहयोगी अब उससे दूरी बनाने लगे हैं. इजिप्ट का यूं अचानक रुख बदल लेना इस बात का संकेत है कि भारत की विदेश नीति और आतंकवाद के खिलाफ उसका ठोस रुख अब विश्व समुदाय में स्वीकार किया जा रहा है. वहीं पाकिस्तान को अब भी अपनी छवि सुधारने की ज़रूरत है, वरना उसके ‘दोस्त’ भी ऐसे ही मुंह मोड़ते रहेंगे.
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