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Kurma Jayanti 2025: जब भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धरकर किया सृष्टि का संतुलन, जानिए भारत का एकमात्र कूर्म अवतार मंदिर…

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May 12, 2025    150812 views     Online Now 345

Kurma Jayanti 2025: हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के दशावतारों का विशेष महत्व है, जिनमें से एक है कूर्म अवतार. इसी अवतार की स्मृति में कूर्म जयंती मनाई जाती है, जो इस वर्ष 12 मई को पड़ रही है. यह पर्व वैशाख पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण कर मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया था, ताकि मंथन में सृष्टि का संतुलन बना रहे.

कूर्म अवतार जीवन में धैर्य, स्थिरता और सेवा भाव का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से जीवन में संतुलन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

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Kurma Jayanti 2025
Kurma Jayanti 2025

पूजन विधि (Kurma Jayanti 2025)

  • इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें.
  • तुलसी, चंदन, धूप व दीप से आरती करें.
  • व्रत रखकर फलाहार करना शुभ माना गया है.
  • पूजन का विशेष मुहूर्त: शाम 4:34 बजे से 7:12 बजे तक.

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दान-पुण्य का महत्व (Kurma Jayanti 2025)

कूर्म जयंती पर अन्न, वस्त्र, जल और दक्षिणा का दान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. यह दिन मानव सेवा और धर्म-कर्म के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.

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भारत का एकमात्र प्रमुख कूर्म अवतार मंदिर – श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश

भगवान विष्णु के कूर्म (कच्छप) अवतार को समर्पित मंदिर भारत में बहुत कम हैं. इनमें सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख मंदिर है:

श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश

यह मंदिर भगवान विष्णु के कूर्म अवतार को समर्पित भारत का एकमात्र प्राचीन प्रमुख मंदिर माना जाता है. इसका निर्माण 11वीं सदी में चोल वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था. यहाँ भगवान विष्णु की मूर्ति कछुए के आकार में प्रतिष्ठित है, जो अत्यंत दुर्लभ है. मान्यता है कि यही वह स्थान है जहाँ भगवान ने कूर्म अवतार धारण किया था.

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