• Fri. May 2nd, 2025

आत्महत्या का हर मामला उकसाने का नहीं होता, दिल्ली HC ने कहा- ‘यह देखना होगा कि…’

ByCreator

Apr 30, 2025    150812 views     Online Now 470
आत्महत्या का हर मामला उकसाने का नहीं होता, दिल्ली HC ने कहा- 'यह देखना होगा कि...'

दिल्ली हाई कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को विवाह या परिवार में होने वाले झगड़े अपराध के लिए उकसाने के समान नहीं हैं. अदालत ने यह टिप्पणी एक महिला और उसके बेटे को अग्रिम जमानत देते हुए की है. वे महिला के पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा का सामना कर रहे हैं. व्यक्ति की पिछले साल 30 अप्रैल को मौत हो गई थी.

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस रविन्द्र डुडेजा ने मुकदमे पर सुनवाई के दौरान कहा कि आत्महत्या का हर मामला उकसाने का नहीं होता है. अदालत को यह देखना होगा. इसके साथ ही पीठ ने मामले में महिला और उसके बेटे को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया है. कोर्ट ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामलों में भावनात्मक, मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति जैसे कारकों पर भी विचार किया जाना चाहिए.

‘केवल उत्पीड़न ही उकसाने के लिए पर्याप्त नहीं’

जस्टिस रविन्द्र डुडेजा ने कहा, ‘किसी व्यक्ति को अपराध करने के लिए उकसाना या ऐसा करने की साजिश में शामिल होना या जानबूझकर किसी व्यक्ति को ऐसा करने में मदद करना उकसाने के समान है. केवल उत्पीड़न ही उकसाने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता. इसके लिए सक्रिय उकसावे की आवश्यकता होती है. विवाह या परिवार में केवल झगड़े उकसाने के समान नहीं होते.’

अदालत में दोनों आरोपियों के वकील ने दावा किया कि पीड़ित में आत्महत्या की प्रवृत्ति थी और वह विभिन्न अस्पतालों में मानसिक उपचार करा रहा था. उन्होंने आरोप लगाया कि व्यक्ति अपनी पत्नी को उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करता था और यहां तक ​​कि उसके बेटों ने भी उसे बार-बार यौन शोषण करते हुए देखा था.

See also  Vivo के कस्टमर को 26 जनवरी का तोहफा, सस्ते हो गये दो स्मार्टफोन

‘सामान्य व्यक्ति भी आत्महत्या के लिए प्रेरित हो जाता’

पीठ ने कहा कि आत्महत्या का हर मामला उकसाने का नहीं होता और अदालत को यह देखना होगा कि क्या आरोपी का आचरण ऐसा था कि कोई अति संवेदनशील व्यक्ति नहीं, बल्कि सामान्य व्यक्ति आत्महत्या के लिए प्रेरित हो जाता. आत्महत्या के लिए उकसाने के मामलों में भावनात्मक, मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति जैसे कारकों पर भी विचार किया जाना चाहिए, जिसके तहत उकसावे के अधिक सबूत की आवश्यकता होती है.

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL