
आईएएस अधिकारी अशोक खेमका
हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका आज यानी 30 अप्रैल को रिटायर होने जा रहे हैं. अशोक खेमका ऐसे आईएएस अधिकारी हैं, जिनकी चर्चा सबसे ज्यादा होती है. अशोक खेमका का 33 साल की सर्विस में कुल 57 बार ट्रांसफर हुआ. हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आज शाम को चंडीगढ़ में आईएएस अधिकारी के लिए एक विदाई समारोह का आयोजन किया है.
अशोक खेमका का पांच महीने पहले ही अंतिम ट्रांसफर का ऑर्डर जारी किया गया था. खेमका हरियाणा सरकार के परिवहन विभाग काे अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से रिटायर होंगे. खेमका का जन्म कोलकाता में 30 अप्रैल 1965 को हुआ. अशोक खेमका ने आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में स्नातक किया.
साल 1990 में पास की यूपीएससी की परीक्षा
अशोक खेमका ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंस में एमबीए किया. 1990 वो साल था जब खेमका ने संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी का एग्जाम पास किया. फिर 1991 बैच के आईएएस अधिकारी बने. उन्हें हरियाणा कैडर अलॉट किया गया.
साहस भरे फैसले के लिए जाने जाते हैं खेमका
अशोक खेमका ईमानदारी और साहस भरे फैसले लेने की वजह से जाने जाते हैं. खेमका नेसाल 2012 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी गुरुग्राम में एक लैंड डील को रद्द किया था. ये डील रॉबर्टवाड्रा और डीएलएफ के बीच साल 2008 में हुई थी. अपने इस फैसले की वजह से उनको राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली थी.
रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े जमीन की डील के म्यूटेशन को किया रद्द
खेमका ने जब रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए जमीन डील का म्यूटेशन रद्द करने के आदेश जारी किए तो उस समय हरियाणा में कांग्रेस की ही सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे. इसके बाद बीजेपी ने साल 2014 में इस लैड़ डील को मुद्दा बनाया. पीएम मोदी ने इस लैंड डील के मुद्दे को चुनावी रैलियों में जोर-शोर से उठाया.
सरकार बदलने के बाद भी ट्रांसफर्स रहे जारी
खेमका साल 2012 में सुर्खिोयों में अवश्य आए, लेकिन केंद्र और राज्य में सरकार बदल जाने के बाद भी उनके ट्रांसफर्स का सिलसिला थमा नहीं. पिछले साल दिसंबर में 10 साल बाद उनकी परिवाहन विभाग में वापसी हुई थी. इससे पहले साल 2014 में उन्होंने परिवहन आयुक्त रहते हुए बड़े वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद ट्रक चालकों ने हड़ताल कर दी थी.
सााल 2024 में खेमका ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और सीएम से विजिलेंस विभाग में अपनी तैनाती की मांग की. उन्होंने लिखा था कि सेवा के आखिर में मैं करप्शन के खिलाफ असली लड़ाई लड़ने का वादा करता हूं. कोई चाहे कितना भी प्रभाव क्यों न रखता हो, बख्शा नहीं जाएगा.
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