
भोपाल के DIG मयंक अवस्थी.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने भोपाल DIG मयंक अवस्थी पर बड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं. DIG पर दतिया जिले में 24 सितंबर 2017 में हुई एक हत्या के मामले में झूठी जानकारी देने और महत्वपूर्ण साक्ष्य छिपाने के आरोप में कोर्ट ने पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. साथ ही DIG मयंक अवस्थी के खिलाफ विभागीय जांच और अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के भी आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट ने DGP से पूछा, क्या ऐसे अधिकारी विभाग में बने रहने योग्य हैं?
दरअसल, यह पूरा मामला दतिया जिले से जुड़ा हुआ है, जहां साल 2017 में दीपार थाना क्षेत्र में एक हत्या हुई थी. उस समय DIG मयंक अवस्थी दतिया जिले के SP थे. हत्या के मामले में पुलिस ने मानवेंद्र गुर्जर को आरोपी बनाया गया था, लेकिन आरोपी मानवेंद्र ने दावा किया था कि उसे झूठा फंसाया जा रहा है. घटना तीन-चार दिन पहले की थी और घटना वाले दिन मृतक, घायल और जो गवाह हैं, वह सभी दतिया में नहीं बल्कि भिंड जिले के अमायन में मौजूद थे.ट
कोर्ट में दतिया पुलिस ने बोला झूठ!
मानवेंद्र ने मोबाइल टावर लोकेशन को आधार बनाकर दतिया जिले के सेवड़ा न्यायालय में अपनी मांग रखी थी. जिस पर न्यायालय ने पुलिस को टावर लोकेशन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) सुरक्षित करने के निर्देश दिए थे. मामले में पुलिस ने कोर्ट पत्र देकर आश्वस्त किया था कि टावर लोकेशन और कॉल डिटेल सुरक्षित हैं, लेकिन कोर्ट के अंतिम ट्रायल में पुलिस ने कहा कि डेटा सुरक्षित नहीं किया गया. जिस पर साइबर सेल की तरफ से तर्क दिया गया कि दो साल से पुराना डेटा रिट्रीव नहीं हो सकता. इस पर कोर्ट ने दीपार थाने के तत्कालीन प्रभारी को तलब किया, लेकिन वह भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.
हाई कोर्ट में जवाब नहीं दे पाए DIG मयंक अवस्थी
मामला हाई कोर्ट में पहुंचा, जहां पर तत्कालीन दतिया जिले के एसपी मयंक अवस्थी और तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह भदोरिया से टावर लोकेशन और कॉल डिटेल के संबंध में जवाब मांगा गया, लेकिन मामले में 4 अप्रैल 2025 को बहस के बाद हाई कोर्ट ने 16 अप्रैल को अपना फैसला सुनाया है, जिसमें कोर्ट ने दतिया जिले के तत्कालीन एसपी रहे मयंक अवस्थी की कार्यप्रणाली पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझकर साक्ष्य दबाए, जिससे एक पक्ष को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई.
DIG के खिलाफ विभागीय जांच कराएं
कोर्ट ने इसे चौंकाने वाला और निष्पक्ष जांच के अधिकारों का उल्लंघन बताया. कोर्ट ने मयंक अवस्थी को एक महीने के भीतर 5 लाख रुपए प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के पास जमा करने का आदेश दिया है, जो जीतने वाले पक्ष को दिया जाएगा. हाई कोर्ट ने DGP को DIG मयंक अवस्थी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने और उनके इरादों की पड़ताल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि, “डीजीपी को तय करना होगा कि क्या ऐसे अधिकारी पुलिस विभाग में रहने योग्य हैं या नहीं”. वर्तमान दतिया एसपी को 10 दिनों के भीतर कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन रिकॉर्ड जमा करने को कहा गया है. साथ ही DGP को 20 मई 2025 तक जांच की प्रगति पर कोर्ट को सूचित करना होगा.
[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X
Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login