
नेशनल हेराल्ड केस.
नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा व अन्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसकी वजह ये है कि ईडी ने इस मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. इसमें सात आरोपी हैं, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडिया, डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और सुनील भंडारी का नाम है. चार्जशीट पर संज्ञान लेने की अगली तारीख 25 अप्रैल मुकर्रर हुई है. ईडी के इस एक्शन को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर है. बुधवार को पार्टी की ओर से जांच एजेंसी के दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा. इस मामले में कांग्रेस की आगे की क्या प्लानिंग है, इससे पहले आइए जान लेते हैं कि किसकी शिकायत पर ये मामला आगे बढ़ा और आरोप क्या हैं.
बात 2013 की है, सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ. इसके बाद 26 जून 2014 में कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया. आरोपियों ने दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी लेकिन ट्रायल को नहीं रुका. आरोप है कि 2010 में एक आपराधिक साजिश के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को हड़पने की योजना बनाई गई थी.
यंग इंडिया में सोनिया-राहुल की हिस्सेदारी
एजेएल के 99% शेयर यंग इंडिया नाम की निजी कंपनी को केवल 50 लाख रुपये में ट्रांसफर किए गए. इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की भूमिका अहम थी. यंग इंडिया में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कुल 76% हिस्सेदारी थी. बाकी 24% शेयर मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास थे, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे.
एआईसीसी ने एजेएल को 90.21 करोड़ रुपये का लोन दिया था, जिसे बाद में 9.02 करोड़ शेयरों में बदलकर यंग इंडिया को मात्र 50 लाख में दे दिया गया. चार्जशीट में लिखा है कि इसे एक गैर-लाभकारी संस्था (Section 25 कंपनी) के रूप में पंजीकृत किया गया था. जांच में पाया गया कि यंग इंडिआ कोई सामाजिक या चैरिटेबल काम नहीं करती है.
20 नवंबर 2023 को ईडी ने की बड़ी कार्रवाई
शिकायत दर्ज होने के दस साल बाद 20 नवंबर 2023 को ईडी ने बड़ी कार्रवाई की. जांच एजेंसी ने एजेएल की करीब 752 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया. आरोप है कि मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए ये संपत्तियां हड़पी गईं. इससे पहले 2017 में आयकर विभाग ने पाया कि यंग इंडिया ने एजेएल की संपत्ति लेकर 414 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी की. इनकम टैक्स की जांच ने भी इसी साजिश की पुष्टि की.
ये तो बात हो गई शिकायत, जांच और एक्शन की. अब मंगलवार को कोर्ट में दायर ईडी की चार्जशीट पर कांग्रेस खफा है. पार्टी इस मुद्दे पर फिलहाल कानूनी सलाह ले रही है. सलाह लेकर वो आधिकारिक रूप से अपना पक्ष रखेगी. फिलहाल इस मुद्दे को लेकर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ईडी के साथ ही केंद्र सरकार को भी घेर रही है.
फिर किसी को क्या फायदा हो सकता है?
पार्टी का कहना है,पूरी दुनिया जानती है कि नेशनल हेराल्ड एक ऐसा अखबार है जिसने स्वतंत्रता संग्राम की लौ को आगे बढ़ाया. कड़वी सच्चाई ये है कि नेशनल हेराल्ड के मालिक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को साल 1937 में पंडित नेहरू ने निगमित किया था. ये एक नॉट फॉर प्रॉफ़िट कंपनी है. फिर किसी को क्या फायदा हो सकता है? इसकी संपत्ति को जब्त करना कानून के शासन की दिनदहाड़े हत्या और हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास पर हमला है. हर नागरिक इसका डटकर मुकाबला करेगा.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट एक पोस्ट में लिखते हैं, सीपीपी चेयरपर्सन सोनिया गांधी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई और आरोप पत्र दाखिल करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. देश में चल रही बदले की राजनीति और विपक्षियों पर आरोप लगाना भाजपा की निम्न मानसिकता का एक और उदाहरण है.
इन षड्यंत्रों के सामने कभी नहीं झुकेगी कांग्रेस
इसी पोस्ट में वो आगे लिखते हैं, जिस परिवार ने इस देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया, अपने प्रियजनों को शहीद होते हुए देखा – उसी परिवार के सम्मानित सदस्यों को राजनीतिक प्रतिद्वंदता के चलते दबाने की साजिश रची जा रही है. भाजपा लगातार राजनीतिक विरोधियों को एजेंसियों के माध्यम से निशाना बना रही है, जो एक प्रकार का प्रायोजित उत्पीड़न है. कांग्रेस का नेतृत्व इन षड्यंत्रों के सामने कभी नहीं झुकेगा. हम लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. सत्यमेव जयते.
इस मामले को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को ईडी के खिलाफ धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है. संगठन प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि कल देशभर में ईडी दफ्तरों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे और बदले की भावना और धमकी की ऐसी राजनीति के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराएंगे.
ये विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश
उन्होंने कहा, सरकार की विपक्ष के खिलाफ बदले की भावना की कोई सीमा नहीं है. सोनिया गांधी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ तुच्छ, राजनीति से प्रेरित और मनगढ़ंत नेशनल हेराल्ड मामले का इस्तेमाल कर उनके खिलाफ साजिश करना विपक्ष की आवाज को डराने और चुप कराने के उनके प्रयास का उदाहरण है.
ये प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की हताशा को दर्शाता है, जो लोगों की चिंताओं को दूर करने में विफल रहे हैं और लगातार ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि वो भूल गए हैं कि यह एक ऐसा परिवार है जिसने देश के लिए अपना खून बहाया है. उनकी तुच्छ चालें, चाटुकार एजेंसियों का उपयोग करना, हमें रोकने वाला नहीं है.
वेणुगोपाल ने आगे कहा, वास्तव में यह इस विभाजनकारी, विनाशकारी शासन के खिलाफ हमारे संकल्प को और मजबूत करने वाला है. हम प्रतिशोध और धमकी की ऐसी राजनीति के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए बुधवार को देश भर में ईडी कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
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