• Wed. Apr 16th, 2025

Vedic Astrology: शनि से डरे नहीं, हमेशा अशुभ ही नहीं होती है साढ़ेसाती, यहां दूर करें अपना भ्रम! | Vedic Astrology Do not fear Saturn, but understand its movements

ByCreator

Apr 14, 2025    150816 views     Online Now 229
Vedic Astrology: शनि से डरे नहीं, हमेशा अशुभ ही नहीं होती है साढ़ेसाती, यहां दूर करें अपना भ्रम!

Image Credit source: Pinterest

Vedic Astrology About Shani: शनि की साढ़ेसाती कब लगती है, कैसे लगती है और उसका क्या प्रभाव होगा, इस बात को लेकर लोगों के मन में बहुत सवाल होते हैं. बहुत सारी भ्रांतियां हैं. शनि को लेकर और मुख्य रूप से जातकों के मन में एक ऐसा विचार डाला गया है कि शनि एक बहुत अशुभ ग्रह है और उसका फल सदैव अशुभ होता है. जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है प्रत्येक ग्रह शुभ और अशुभ हर तरह के फल देते हैं. शनि को लेकर आम जन मानस के मन मे भय व्याप्त है कि शनि अमंगल ही करता है. शनि की साढ़ेसाती कुछ अशुभ ही करेगी, जबकि शनि कर्म फल दाता है यानि वो ही देते जो आपके कर्मों में होता है.

शनि का शुभ और अशुभ फल जातक की जन्म कुंडली में कई स्तिथियों का आंकलन करके ही लगाया जाता है जैसे- नवांश कुंडली में और वर्ग कुंडली में शनि की क्या स्थिति है, उसकी क्या लॉर्डशिप है, उसकी क्या कंडीशन है, उसकी क्या रिलेटिव स्ट्रैंथ है, उसका बाकी ग्रहों से कैसा संबंध है, कुंडली के लिए क्या फंक्शनल मलेफिक प्लेनेट (अशुभ ग्रह) हैं या फंक्शनल बेनिफिक (शुभ ग्रह) हैं. इन सब बातों को बिना देखे हुए यह कहना कि शनि अशुभ फल ही देगा, शनि की साढ़ेसाती या ढैया सदैव अशुभ फल देगी. यह विचार पूरी तरह भ्रामक और गलत है.

शनि की साढ़ेसाती क्या होती है?

सबसे पहले हम इस बारे में बताते हैं कि शनि की साढ़ेसाती क्या होती है. अभी 29 मार्च 2025 को शनि का गोचर कुंभ राशि से मीन राशि में हुआ था और यह शनि मीन राशि में जून 2027 तक रहेगा. इसका तात्पर्य हुआ लगभग 27 महीने शनि मीन राशि में होगा और हम इसका यदि सुख विश्लेषण करें तो यह पाते हैं कि एक महीने में लगभग एक डिग्री शनि मीन राशि में 29 अप्रैल तक चल चुका होगा और 29 डिग्री बचा हुआ और जून 2027 तक पूरा करेगा. शनि की साढ़ेसाती इस पर निर्भर करती है कि जन्म कुंडली में चंद्रमा किस राशि में स्थित है.

See also  विशेष : सौर ऊर्जा में छत्तीसगढ़ की कामयाबी की कहानी, सोलर पंपों से किसानों की दूर हुई परेशानी...

वास्तव में चंद्रमा जिस राशि में स्थित है उससे पहले 45 डिग्री तक एवं उसके आगे 45 डिग्री तक यदि शनि का गोचर होगा तो उसका प्रभाव होगा लेकिन शनि की साढ़ेसाती को देखते वक्त ज्योतिषिगण इस गणना को बिना किए हुए यह भ्रम फैलाना शुरू कर देते हैं कि शनि का गोचर मीन राशि वाले जातकों के लिए, मेष राशि वाले जातकों के लिए और कुंभ राशि वाले जातकों के लिए अशुभता फल लेकर आएगा, लेकिन ऐसा नहीं है. जन्म कुंडली में चंद्रमा की स्थिति किस राशि में है और किस डिग्री में है वहां से 45 डिग्री प्लस एवं माइंस पर क्या शनि का प्रभाव गोचर से हो रहा है या नहीं. इन चीजों के बारे में जान लेना चाहिए.

शनि के बारे में यह भ्रामक रवैया क्यों?

शनि स्लो प्लेनेट है. ये एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहता है. इसकी तीन दृष्टियां है तीसरी सातवीं एवं दसवीं. इसका तात्पर्य हुआ कि शनि ढाई वर्ष तक अपनी तीन दृष्टियों से तीन राशियों को पूरी तरह प्रभावित करता है. इसका ये प्रभाव जातकों के मन में यह भ्रम पैदा करता है कि शनी सिर्फ अशुभता लाता है. वास्तव में शनि कर्म फल दाता है. उसकी प्रकृति एक न्यायाधीश की तरह है. आपने जैसा कर्म किया है वैसा ही आपको फल मिलेगा.

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL