• Wed. Apr 16th, 2025

न ईरान, न फिलिस्तीन, इज़राइल के यहूदियों से असली बदला तो इस देश ने लिया

ByCreator

Apr 11, 2025    150815 views     Online Now 241
न ईरान, न फिलिस्तीन, इज़राइल के यहूदियों से असली बदला तो इस देश ने लिया

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू

जब भी इजराइल के खिलाफ ‘बदले’ की बात होती है, निगाहें फिलिस्तीन या ईरान की तरफ जाती हैं. फिलिस्तीनियों से दशकों पुराना टकराव और ईरान से चल रही तनातनी तो जगजाहिर है. लेकिन एक ऐसा देश भी है, जिसने इजराइल के यहूदियों को न केवल दुश्मन माना, बल्कि उनकी पहचान, संस्कृति और संपत्ति तक पर वार किया. और वो देश है मिस्र.

जब पूरी दुनिया के यहूदी पासओवर का त्योहार मनाते हैं और प्राचीन मिस्र से अपने पूर्वजों के पलायन (एक्ज़ोडस) को याद करते हैं, ठीक उसी वक्त एक रिपोर्ट सामने आई है जो बताती है कि असली पलायन तो 20वीं सदी के मिस्र में हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र सरकार ने अपने यहां बसे हजारों यहूदियों को प्रताड़ित किया, देश से निकाला और उनकी अरबों की संपत्ति जब्त कर ली.

59 अरब डॉलर की यहूदी संपत्ति मिस्र में जब्त

जस्टिस फॉर ज्यूज फ्रॉम अरब कंट्रीज (JJAC) नाम की संस्था की रिपोर्ट के अनुसार, 1948 से 1967 के बीच मिस्र में यहूदियों को दुश्मन घोषित किया गया और देश निकाला दे दिया गया. इस दौरान उनकी करीब 59 अरब डॉलर की संपत्ति जब्त कर ली गई. रिपोर्ट में इसे एक ‘सामान्य पलायन’ नहीं, बल्कि यहूदी समुदाय की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को मिटाने की कोशिश बताया गया है.

मिस्र और यहूदियों का हजारों साल पुराना रिश्ता

मिस्र और यहूदी समुदाय का रिश्ता बाइबिल के ज़माने से है. अलेक्ज़ान्द्रिया और ‘लैंड ऑफ ओनियास’ जैसे इलाकों में यहूदी सदियों से बसे हुए थे. सादिया गाओन, मैमोनाइड्स और याक़ूब सानू जैसे प्रमुख नाम मिस्र की सांस्कृतिक पहचान में शामिल रहे. लेकिन 1930 के दशक से मिस्र में फासीवाद और धार्मिक कट्टरता की लहर के बीच यहूदियों के खिलाफ हिंसा और गिरफ्तारियां शुरू हो गईं.

See also  Saptahik Arthik Rashifal: मिथुन समेत इन 4 राशि वालों को करियर-कारोबार में तरक्की मिलने से होगा धन लाभ, फिजूलखर्ची से बचें!

कब और कैसे टूटा यह रिश्ता?

इजराइल की स्थापना (1948) के बाद मिस्र सरकार ने यहूदियों को ज़ायनिस्ट कहकर दुश्मन ठहरा दिया. फिर 1956 के स्वेज संकट और 1967 के छह दिवसीय युद्ध के दौरान हजारों यहूदियों को गिरफ्तार किया गया या जबरन देश छोड़ने पर मजबूर किया गया. इस दौर में करीब 63,000 यहूदी मिस्र से पलायन कर गए. आज मिस्र में सिर्फ दो यहूदी बचे हैं.

‘तुम ज़ायनिस्ट हो’ कहकर निकाला गया

JJAC की रिपोर्ट बताती है कि यहूदियों को खुलेआम कहा गया कि वे ज़ायनिस्ट हैं और देश के दुश्मन हैं, इसलिए उनकी संपत्ति ज़ब्त की जा रही है. कई परिवारों को बिना किसी मुआवजे के निकाला गया और उनकी पीढ़ियों की जमा पूंजी और संपत्तियां जब्त कर ली गईं.

मिस्र सरकार के दावे बनाम हकीकत

मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी ने 2023 में दावा किया था कि यहूदी हमेशा मिस्र में शांति से रहते आए हैं. लेकिन JJAC की रिपोर्ट कुछ और ही कहानी बताती है. संगठन के प्रमुख स्टैनली उरमन का कहना है कि मिस्र के यहूदी न सिर्फ वहां की संस्कृति में रचे-बसे थे, बल्कि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को भी समृद्ध किया था और उनके साथ हुआ व्यवहार एक ऐतिहासिक अन्याय है.

न सिर्फ मिस्र, पूरे अरब और ईरान से निष्कासन

यह रिपोर्ट सिर्फ मिस्र तक सीमित नहीं है. यह उन करीब 10 लाख यहूदियों की कहानी भी सामने लाती है जिन्हें पिछले 75 सालों में ईरान, इराक, सीरिया, यमन, लीबिया और अन्य अरब देशों से निष्कासित किया गया. JJAC का कहना है कि इन निर्वासनों की सच्चाई को दशकों तक दबाया गया है और अब वक्त है कि इतिहास में इसे दर्ज किया जाए.

See also  MP में आचार संहिता के बीच फायरिंग: ट्रैक्टर लेकर जा रहे व्यक्ति को बदमाशों ने मारी गोली, हालत गंभीर

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL