• Sat. Mar 15th, 2025

बीड पुलिस की वर्दी पर अब नहीं दिखेगा नाम के साथ सरनेम, सामाजिक सौहार्द को लेकर बड़ा फैसला

ByCreator

Mar 15, 2025    150815 views     Online Now 422
बीड पुलिस की वर्दी पर अब नहीं दिखेगा नाम के साथ सरनेम, सामाजिक सौहार्द को लेकर बड़ा फैसला

बीड जिले में पुलिस अधीक्षक नवनीत कंवत.

महाराष्ट्र के बीड पुलिस की वर्दी पर अब केवल उनका ही नाम लिखा होगा, उस पर पदनाम नहीं होगा. महाराष्ट्र के बीड जिले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) नवनीत कंवत ने पुलिसकर्मियों की नेमप्लेट से उपनाम (सरनेम) हटाने का निर्णय लिया है. पुलिस के अनुसार अब नेमप्लेट पर केवल उनका पहला नाम और पद ही लिखा होगा. इस पहल का मुख्य उद्देश्य जाति-आधारित भेदभाव को समाप्त करना और पुलिस बल के भीतर निष्पक्षता सुनिश्चित करना है.

एसपी नवनीत कंवत के अनुसार, “हम पुलिस वालों की कोई जाति नहीं होती, हमारा कोई धर्म नहीं होता, हम सबके लिए बस ‘खाकी’ हैं.” उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिसकर्मियों को एक-दूसरे को उपनाम के बजाय उनके पहले नाम से बुलाना चाहिए, जिससे जातिगत पूर्वाग्रह कम हो सके.

यह कदम जिले में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को कम करने के प्रयास का हिस्सा है. बीड में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या हो गई थी. देशमुख मराठा समाज से थे, जबकि मारने वाले सारे ओबीसी समाज से थे.

ये भी पढ़ें

सामाजिक सौहार्द के मद्देनजर पुलिस का बड़ा फैसला

जांच में ये भी बात सामने आई कि वाल्मीक कराड ने ओबीसी समाज का होने के बाद भी कई ओबीसी समाज के लोगो को परेशान करने, तकलीफ देने और मारपीट करने का काम किया. इसलिए अपराधी कोई भी हो उसकी कोई जाति नही होती है.

लेकिन वाल्मीक कराड जैसे लोग सिसटम में जाति कार्ड खेलकर अपनी सत्ता काबिज किये हुए थे. यही काम हिरण तस्करी और आपराधिक कृत्य करने वाले मराठा समाज के सतीश भोंसले करता आया है, जो फिलहाल बीड के एक पिता-पुत्र की पिटाई मामले में फरार है.

See also  100 के लिए ऐसा कौन करता है! युवक ने भाई पर फेंका खौलता तेल, पूरा मामला जानकर दहल उठेगा दिल...

बीड जिले में जातिगत राजनीति के बढ़ने का असर सरकारी विभाग खासकर पुलिस विभाग के कामकाज पर भी न हो, इसलिए पुलिस विभाग के हर सिपाही, इंस्पेक्टर और आला अधिकारियों को अब बीड जिले में सिर्फ अपना नाम लिखना होगा सरनेम नहीं.

बता दें कि पुलिस विभाग में विभिन्न गांवों और समुदायों से अधिकारी आते हैं और इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पुलिसकर्मियों की पहचान उनकी जाति या धर्म से नहीं, बल्कि उनके कर्तव्यों से हो.

बीड पुलिसकर्मियों के नेमप्लेट से हटेगा सरनेम

इससे पहले जनवरी में एसपी कंवत ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे एक-दूसरे को उपनाम के बजाय पहले नाम से संबोधित करें, ताकि जातिगत पूर्वाग्रह को रोका जा सके. अब, नेमप्लेट से उपनाम हटाने का निर्णय इसी दिशा में एक और कदम है.

इस पहल को समाज के विभिन्न वर्गों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. लोगों का मानना है कि यह कदम पुलिस और जनता के बीच विश्वास को मजबूत करेगा और समाज में समानता को बढ़ावा देगा.

ॉ पिछले कुछ दिनों से बीड जिले में अपराध दर में वृद्धि हुई है. पुलिस अधीक्षक ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि इससे कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई है और सामाजिक सौहार्द भी बिगड़ने लगा है. बीड पुलिस की वर्दी पर अब केवल उनका अपना नाम ही लिखा होगा तथा वर्दी पर लगी नेमप्लेट पर अब उपनाम नहीं लिखा होगा.

बीड में पुलिस अधीक्षक से लेकर कांस्टेबलों तक सभी के डेस्क और छाती पर लगी नाम-पट्टिकाओं से उनके उपनाम हटा दिए जाएंगे. इस बीच, नवनीत कंवत ने कहा कि पुलिस को एक-दूसरे को उनके प्रथम नाम से ही बुलाना चाहिए, अंतिम नाम से नहीं. इसके बाद उन्होंने पुलिस नेमप्लेट से उपनाम भी हटा दिए.

See also  Ganesh Chaturthi 2024 : 7 या 8 सितंबर इस बार कब है गणेश चतुर्थी ? जानें तिथि, स्थापना मुहूर्त और पूजा विधि | ganesh chaturthi 2024 start date Shubh muhurat puja time , significance of ganesh chaturthi 2024

[ Achchhikhar.in Join Whatsapp Channal –
https://www.whatsapp.com/channel/0029VaB80fC8Pgs8CkpRmN3X

Join Telegram – https://t.me/smartrservices
Join Algo Trading – https://smart-algo.in/login
Join Stock Market Trading – https://onstock.in/login
Join Social marketing campaigns – https://www.startmarket.in/login

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x
NEWS VIRAL