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CG NEWS : पूर्व ITI अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं की हठधर्मिता, SECL के कर्मियों को कार्यालय जाने से रोका, सरकारी कामकाज ठप

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Sep 14, 2022    150830 views     Online Now 176

बिलासपुर. पूर्व ITI अप्रेंटिस प्रशिक्षु बिलासपुर स्थित एसईसीएल मुख्यालय के सामने धरने पर बैठे रहे, जिसके चलते यहां आज कोई काम-काज नहीं हो सका. देशभर में बिजली संकट की चुनौतियों के बीच कोल-डिस्पैच के डिलीवरी ऑर्डर भी जारी नहीं हो सके. इनमें छतीसगढ़ राज्य में स्थित नॉन पावर व लघु एवं मध्यम उद्योगों को दिए जाना वाला कोयला शामिल है. उत्पादन, डिस्पैच, मशीनीकरण से जुड़े टेंडरों/कॉंट्रैक्ट अवार्ड का काम ठप रहा. वहीं सामग्री प्रबंधन विभाग आज कोई क्रय आदेश जारी नहीं कर सका. कुछ कार्य जिनकी डेडलाइन आज थी, से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी देर शाम तक मुख्यालय के बाहर इंतजार करते रहे किंतु पूर्व अप्रेंटिस प्रशिक्षु गेट को जाम कर बैठे रहे और किसी को कार्यालय नहीं जाने दिया.

एसईसीएल प्रबंधन द्वारा पिछले लगभग ढाई महीने में पांच बार पूर्व आईटीआई अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं से बात की गई है, जिसके अंतर्गत गत पांच अगस्त को सीएमडी एसईसीएल डॉ. प्रेम सागर मिश्रा ने स्वयं प्रतिनिधि दल से बात की थी. हाल ही में संसद के मानसून सत्र के दौरान कोयला मंत्री भारत सरकार प्रल्हाद जोशी ने स्पष्ट कर दिया था कि ट्रेड अप्रेंटिस का नियमितिकरण नहीं किया जा सकता है. अप्रेंटिस एक्ट 1961(यथा संशोधित 2014) में अप्रेंटिस प्राप्त प्रशिक्षुओं को नियमित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है. पूरे देश में सार्वजनिक उपक्रम इस प्रकार के अप्रेंटिस के प्रशिक्षण की व्यवस्था करते हैं और इस सम्बंध में भारत सरकार के नियम स्पष्ट हैं.

एसईसीएल में अप्रेंटिस कर चुके छात्रों के यथा लागू सभी देयताओं का भुगतान कर दिया गया है. सीएमडी एसईसीएल से बैठक के पूर्व अप्रेंटिस छात्र संघ, निदेशक तकनीकी संचालन-सह-कार्मिक के साथ कई दौर की बातचीत कर चुके हैं. नगर विधायक बिलासपुर भी एक बैठक में उपस्थित रहे हैं. एसईसीएल सूत्रों ने जानकारी दी है कि पूर्व आईटीआई प्रशिक्षुओं को नियमित करने संबंधी मांग से जुड़े प्रकरण की सुनवाई डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर (सेंट्रल) रायपुर के यहां भी चल रही है. ऐसे में सुनवाई लम्बित रहते हुए धरना-प्रदर्शन किया जाना अवैधानिक है.

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जानकारी के मुताबिक, आज के धरना प्रदर्शन से पूर्व कल पूर्व अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं के नेता ऋषि पटेल द्वारा आंदोलन के लिए बिलासपुर आए युवा छात्रों से ‘फोर्म-बी’ भरवाया गया है तथा सहयोग राशि भी ली गई है. ऋषि पटेल ने मीडिया को दिए अपने बयान में स्वीकार किया है कि यह उन्होंने अपनी मर्जी से किया है, ऐसा करने के लिए उन्हें एसईसीएल ने नहीं कहा है.

इससे पहले 5 अगस्त को मुख्यालय घेराव के दौरान भी काफी समय तक किसी एसईसीएल अधिकारी-कर्मचारी को ऑफिस अंदर नहीं जाने दिया गया था. ज्ञात हो कि कम्पनी मुख्यालय एसईसीएल के लगभग 65 खदानों के समुचित संचालन के लिए समन्वय एवं निर्देशन प्रदान करता है. मुख्यालय का संचालन ठप होने से कोयले के उत्पादन व डिस्पैच प्रभावित होने की संभावना है. वहीं अधिकारी-कर्मचारी का मनोबल भी टूटा है.

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